नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ का प्रस्ताव लोकसभा में संविधान (129वां संशोधन) विधेयक के रूप में पेश किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे लोकसभा में पेश किया और इसके बाद विधेयक को जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के पास भेजने का प्रस्ताव रखा। विधेयक के पक्ष में हुई वोटिंग के बाद इसे जेपीसी को भेजने का निर्णय लिया गया।
इलेक्ट्रॉनिक और पर्ची से मतदान
लोकसभा में इस विधेयक पर सदन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के माध्यम से मतदान हुआ। इस मतदान में विधेयक के पक्ष में 220 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 149 वोट पड़े। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लेकर विरोध व्यक्त किया। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के आदेश पर पर्ची से मतदान किया गया, जिसके परिणामस्वरूप प्रस्ताव के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े।
जेपीसी भेजने का सुझाव पीएम मोदी का था: अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि जब यह विधेयक कैबिनेट में पेश किया गया था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे विस्तृत चर्चा के लिए जेपीसी के पास भेजने का सुझाव दिया था। पीएम मोदी का कहना था कि इस प्रस्ताव को पूरे विस्तार से चर्चा के लिए जेपीसी को भेजा जाना चाहिए। शाह की टिप्पणी का समर्थन करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी जेपीसी में भेजने का प्रस्ताव रखा, जो बाद में स्वीकृत हुआ।
लोकसभा स्पीकर ने किया जेपीसी पर बयान
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस विधेयक पर चर्चा के लिए सभी पक्षों को पर्याप्त समय देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर जेपीसी के समक्ष विस्तृत और व्यापक चर्चा होगी और सभी सांसदों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया जाएगा। स्पीकर ने यह भी कहा कि यदि सांसद चाहें तो चर्चा के लिए जितने दिन का समय चाहिए, वे उतने दिन का समय देंगे।
#WATCH | The Constitution (One Hundred and Twenty-Ninth Amendment) Bill, 2024’ and ‘The Union Territories Laws (Amendment) Bill, 2024’ introduced by Union Law Minister Arjun Ram Meghwal in Lok Sabha.
— ANI (@ANI) December 17, 2024
(Source: Sansad TV) pic.twitter.com/3aqJotZrYf
विपक्षी दलों का विरोध और हंगामा
लोकसभा में विधेयक पेश करते ही विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आरजेडी, पीडीपी, शिवसेना उद्धव गुट और जेएमएम जैसे दलों ने इस विधेयक का विरोध किया। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि सरकार तानाशाही की कोशिश कर रही है और इस प्रकार के विधेयक से लोकतंत्र को खतरा हो सकता है। विपक्षी दलों ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार विपक्ष की राय के बिना यह विधेयक पास कराने की कोशिश कर रही है।
विधेयक के पक्ष में समर्थन देने वाले दल
इस विधेयक का समर्थन करने वाले दलों में भाजपा, जेडीयू, टीडीपी, वाईएआर कांग्रेस और बसपा प्रमुख हैं। इन दलों ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को लागू करने का समर्थन किया है, क्योंकि उनका मानना है कि इससे चुनावों की प्रक्रिया को बेहतर और अधिक व्यवस्थित बनाया जा सकेगा।
विधेयक के विरोध में दल
वहीं, कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आरजेडी, पीडीपी, शिवसेना उद्धव गुट और जेएमएम जैसे विपक्षी दल इस विधेयक के विरोध में खड़े हैं। इन दलों का कहना है कि इस प्रस्ताव से लोकतंत्र और चुनाव प्रणाली पर संकट आ सकता है। उनका मानना है कि यह कदम केंद्रीय सत्ता के हाथों में अधिक शक्ति को जमा करेगा, जिससे राज्य सरकारों की स्वतंत्रता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।