चिड़ावा, 16 अप्रैल 2025: चिड़ावा शहर में पीने के पानी की गंभीर समस्या नागरिकों के लिए बड़ी चिंता का कारण बन गई है। शहर के कई वार्डों में या तो पानी की सप्लाई बिल्कुल नहीं हो रही है या फिर जो पानी मिल रहा है वह अत्यधिक दूषित है, जिससे लोगों की दैनिक जीवन में भारी परेशानियाँ उत्पन्न हो रही हैं। पानी की इस गंभीर स्थिति से त्रस्त होकर अब शहरवासी सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं और जलदाय विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

वार्ड 7, 8 और 11 की महिलाओं का विरोध प्रदर्शन
चिड़ावा के वार्ड नंबर 7, 8 और 11 की महिलाओं ने जलदाय विभाग उपखंड कार्यालय में पहुंचकर प्रदर्शन किया। महिलाओं के हाथों में खाली मटके थे, जिन्हें उन्होंने पानी संकट की गंभीरता को अधिकारियों के सामने स्पष्ट करने के लिए लाया था। प्रदर्शन के दौरान जब महिलाएं कार्यालय में पहुंची, तो वहां कोई जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित नहीं था, जिससे महिलाओं का गुस्सा और बढ़ गया। नाराज महिलाओं ने विभाग के कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई और कनिष्ठ अभियंता (जेईएन) को तुरंत बुलाने की मांग की। महिलाओं ने यह ऐलान किया कि जब तक जेईएन कार्यालय में उपस्थित नहीं होते, वे वहीं बैठी रहेंगी।
नकली व दूषित पानी से परेशानी बढ़ी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद जलदाय विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उनका आरोप है कि नागरिकों को पीने के लिए दूषित पानी दिया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। शहर के नागरिकों का कहना है कि विभाग की उपेक्षापूर्ण कार्यशैली के कारण जल संकट और भी गंभीर हो गया है। दूषित पानी पीने के कारण लोगों में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है और खासकर बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर इसका गहरा असर पड़ रहा है।
प्रदर्शन में भाग लेने वाली महिलाएं
प्रदर्शन में भाग लेने वाली महिलाओं में प्रमुख रूप से मुन्नी, माया, सरोज, मणी, कमलेश, सुमिता, अनिता, सरिता, प्रकाश, शकुंतला, माया, सुशिला, बिमला, पथेरी, कृष्ण, लक्ष्मी, थापा, सुमित्रा, कविता, सुशिला और सुनिता सहित अनेक स्थानीय महिलाएं शामिल थीं। सभी का कहना है कि यह समस्या केवल अस्थायी हल से हल नहीं हो सकती, जब तक विभाग ठोस कदम नहीं उठाता।

नगरवासियों की अपील
नगरवासियों का कहना है कि जलदाय विभाग के अधिकारियों द्वारा समय पर कार्यवाही न की जाती, जिससे स्थिति और भी विकराल हो रही है। कई नागरिकों का कहना है कि वे दूषित पानी पीने के मजबूर हैं, जिससे उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नागरिकों ने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि पेयजल आपूर्ति की गुणवत्ता और नियमितता सुनिश्चित की जाए, ताकि उन्हें इस कठिन स्थिति से राहत मिल सके।