रूस-यूक्रेन जंग में कूदे किम जोंग: दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने शुक्रवार को दावा किया कि उत्तर कोरिया ने रूस की मदद के लिए अपने सैनिकों को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में भेजा है। यह जानकारी ऐसे समय पर आई है जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि उत्तर कोरिया के दस हजार सैनिक रूस के पक्ष से लड़ने के लिए तैयार हैं। इस खबर से रूस-यूक्रेन युद्ध में एक तीसरे देश के कूदने की संभावना और बढ़ गई है, जिससे पश्चिमी देशों और उत्तर कोरिया के बीच तनाव गहरा सकता है।
उत्तर कोरिया ने भेजे 1500 सैनिक
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) ने बयान में कहा कि 8 से 13 अक्टूबर के बीच उत्तर कोरिया के विशेष ऑपरेशन बलों के करीब 1500 सैनिक रूसी नौसेना के जहाजों के माध्यम से रूस के व्लादिवोस्तोक बंदरगाह पर पहुंचे। यह सैनिक अब रूस के विभिन्न सैन्य ठिकानों पर तैनात हैं और उन्हें रूस की सैन्य वर्दी, हथियार, और जाली पहचान पत्र प्रदान किए गए हैं। एनआईएस के अनुसार, इन सैनिकों को युद्ध में शामिल करने से पहले व्यापक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
12,000 सैनिक भेजने का निर्णय
दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने रूस में 12 हजार सैनिक भेजने का निर्णय लिया है। हालांकि, एनआईएस ने इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है, लेकिन इन खबरों ने रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया की भूमिका पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी सैनिक रूस भेजे जा सकते हैं।
रूस ने फिर दिखाई परमाणु शक्ति
रूस ने पश्चिमी देशों को यूक्रेन की सहायता रोकने के लिए फिर से अपनी परमाणु शक्ति का प्रदर्शन किया है। शुक्रवार को रूसी रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि रूस अपने सामरिक परमाणु बलों की मिसाइल इकाइयों की तैयारियों का परीक्षण कर रहा है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कई बार यह दर्शाने की कोशिश की है कि रूस के पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु हथियारों का जखीरा है, और इस तरह के कदम रूस की सैन्य शक्ति को स्पष्ट रूप से उजागर करते हैं।
जेलेंस्की का दावा: उत्तर कोरिया से आ रहे हैं सैनिक
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने गुरुवार को दावा किया था कि उनके पास जानकारी है कि उत्तर कोरिया के लगभग दस हजार सैनिक रूस के पक्ष से लड़ने के लिए तैयार हो रहे हैं। उनका कहना था कि कुछ उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती भी पहले से ही की जा चुकी है। इस दावे ने दुनिया भर में चिंताओं को और बढ़ा दिया है, क्योंकि इससे रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य सहयोग का एक नया अध्याय खुलता नजर आ रहा है।