नई दिल्ली: कोलकाता के प्रतिष्ठित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले ने पूरे देश में आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। इस गंभीर घटना ने न केवल जनता को बल्कि राजनीतिक गलियारों को भी झकझोर कर रख दिया है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जबकि राज्य सरकार के खिलाफ भी तीखे बयान सामने आए हैं।
ममता सरकार पर कांग्रेस और भाजपा का निशाना
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ममता बनर्जी की सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। दोनों दलों ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाए हैं और सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। इस घटना को लेकर राज्य की कानून व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाए गए हैं।
कपिल सिब्बल का बयान और विवाद
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल का बयान सामने आया है, जिसने विवाद को और बढ़ा दिया है। सिब्बल ने एक प्रस्ताव जारी किया जिसमें उन्होंने इस घटना को समाज में व्याप्त एक “लक्षणात्मक बीमारी” करार दिया और कहा कि ऐसी घटनाएं “आम” हैं। उनके इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही स्तरों पर तीखी प्रतिक्रिया उत्पन्न की है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की प्रतिक्रिया
कपिल सिब्बल के बयान पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कड़ा विरोध व्यक्त किया। उन्होंने एक कार्यक्रम में बिना नाम लिए कहा कि ऐसी घटनाओं को “आम” बताना शर्मनाक है और ऐसे रुख की निंदा करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इतने ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति के लिए यह बहुत बड़ा अन्याय है और उन्होंने इस मामले पर समाज की नैतिक जिम्मेदारी को याद दिलाया।
मामले की सुनवाई और कपिल सिब्बल की भूमिका
इस गंभीर घटना को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई जारी है, जहां पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कपिल सिब्बल इस मामले में पैरवी कर रहे हैं। उनके द्वारा दिए गए बयान ने इस मामले को और अधिक विवादास्पद बना दिया है।
डॉ. आदिश अग्रवाल की प्रतिक्रिया और मांग
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. आदिश अग्रवाल ने कपिल सिब्बल के बयान पर सख्त आपत्ति जताई है। उन्होंने सिब्बल को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव को वापस लेने और माफी मांगने की मांग की है। अग्रवाल ने कहा कि यदि सिब्बल ने ऐसा नहीं किया, तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।
समाज में आक्रोश और न्याय की मांग
इस पूरे मामले ने देशभर में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर एक गंभीर बहस छेड़ दी है। समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा इस घटना की कड़ी निंदा की जा रही है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की जा रही है। इस घटना ने न केवल कोलकाता बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया है और लोगों में गहरा आक्रोश पैदा किया है।