चिड़ावा, 8 दिसंबर 2024: चिड़ावा-सिंघाना सड़क मार्ग स्थित लाल चौक बस स्टैंड पर नहर की मांग को लेकर किसानों का धरना आज 342वें दिन भी जारी रहा। नौजवान सभा के अध्यक्ष सुनील सोमरा की अध्यक्षता में चल रहे इस धरने में क्षेत्र के किसान और आमजन बड़ी संख्या में शामिल हुए।
सरकार पर उदासीनता का आरोप, उग्र आंदोलन की चेतावनी
धरने को संबोधित करते हुए नौजवान सभा के युवा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार की अनदेखी से क्षेत्र के किसानों को आंदोलन को उच्च स्तर पर ले जाने और सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पानी के अभाव में किसान और उनके परिवार प्यास, गरीबी और अशिक्षा से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही।
किसानों का रोष: नहर के बिना विकास असंभव
धरने पर वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार नहर की मांग पूरी कर देती है, तो क्षेत्र का विकास संभव हो सकेगा। किसानों के बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त करेंगे और देश के विकास में सहयोगी बनेंगे। लेकिन सरकार की उदासीनता और हठधर्मिता के चलते किसान आंदोलन को और उग्र करने पर मजबूर हो रहे हैं।
जल संकट: वर्तमान और भविष्य की चुनौती
सर्दियों के मौसम में भी पानी की किल्लत और टैंकरों की आपूर्ति जारी है। गर्मियों में स्थिति और खराब हो सकती है। आंदोलनकारियों ने सरकार से अपील की है कि वे पानी की इस समस्या को गंभीरता से लें और नहर निर्माण का काम जल्द शुरू करें।
बड़े आंदोलन और बहिष्कार की चेतावनी
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही नहर की मांग पूरी नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। इसके साथ ही क्षेत्र में मतदान के बहिष्कार की भी योजना बनाई जा रही है।
धरने में शामिल प्रमुख लोग
धरने पर मौजूद प्रमुख लोगों में आंदोलन प्रवक्ता विजेंद्र शास्त्री, उपसचिव ताराचंद तानाण, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष सुनीता साईं पंवार, यात्रा संयोजक रणधीर ओला, उपाध्यक्ष बजरंग लाल, अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष महेश चाहर, मन्दीप बसेरा, कपिल कुल्हारी, कैलाश वर्मा, राकेश देवरोड़, सुरेंद्र कुमार, चंद्रप्रकाश बसेरा, सतपाल चाहर, राजवीर, जयसिंह, प्रभुराम सैनी, मनोहर सैनी, बनवारीलाल चाहर, राजपाल चाहर, दाखां देवी, मल्लिदेवी, सौरभ सैनी, करण कटारिया, कृष्ण, नोकराम योगी, जलेसिंह, ओमप्रकाश सैनी, शिशुपाल, मातुराम चाहर आदि शामिल रहे।
सार्वजनिक अपील
धरने में शामिल किसानों और नौजवान सभा ने आमजन से आंदोलन को समर्थन देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नहर आंदोलन केवल किसानों की समस्या नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास का मुद्दा है। बिना नहर यह आंदोलन रुकने वाला नहीं है।