नई दिल्ली: राज्यसभा में आज गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक संबंधी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट पेश की गई, जिसके बाद विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया। कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खरगे ने रिपोर्ट को ‘फर्जी’ बताते हुए कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। वहीं, केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने रिपोर्ट में किसी भी सुझाव को हटाए जाने की बात को नकारा किया और कहा कि रिपोर्ट को पूरी पारदर्शिता के साथ तैयार किया गया है।
विपक्ष ने उठाए गंभीर सवाल, खरगे ने रिपोर्ट को ‘फर्जी’ कहा
रिपोर्ट पेश होने के बाद सदन में विपक्षी दलों के सांसदों ने तीव्र विरोध जताया। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “हमारी ओर से जो सुझाव दिए गए थे, उन्हें पूरी तरह से नकारा कर दिया गया। यह रिपोर्ट असंवैधानिक है और हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। कुछ नॉन स्टेक होल्डर को बाहर से बुलाकर उनका स्टेक लिया जा रहा है, क्या हम पढ़े-लिखे नहीं हैं?” खरगे ने रिपोर्ट को ‘फर्जी’ करार देते हुए इसकी वापसी की मांग की और कहा कि इसे डिसेंट नोट डालकर पेश किया जाना चाहिए।
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केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू का जवाब: रिपोर्ट में सभी सुझाव शामिल
वहीं, सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि जेपीसी की रिपोर्ट में किसी भी व्यक्ति का सुझाव हटाया नहीं गया है और सभी ने इस पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा, “रिपोर्ट को किसी भी नियम का उल्लंघन किए बिना तैयार किया गया है। विपक्ष का व्यवहार निंदनीय है और सरकार ने अपनी ओर से पूरी सहयोग दिया है।”
विपक्ष के वाकआउट पर नड्डा का बयान: ‘राजनीतिक स्कोर’ करने की कोशिश
राज्यसभा में विपक्ष के वाकआउट पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, “विपक्ष का वाकआउट सिर्फ राजनीतिक स्कोर करने की कोशिश है। उनका यह कदम निंदनीय है और यह दर्शाता है कि उन्हें राष्ट्रीय मुद्दों से अधिक अपनी राजनीतिक नफे-नुकसान की चिंता है।”
बीजेपी सांसद मेधा ने पेश की रिपोर्ट
समिति की रिपोर्ट सुबह 11 बजे बीजेपी की मेधा विश्राम कुलकर्णी ने सदन में पेश की। रिपोर्ट पेश होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और वामपंथी दल सहित कई विपक्षी दलों ने विरोध करना शुरू कर दिया। सांसद आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही 11 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
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सभापति धनखड़ का बयान: राष्ट्रपति का संदेश पेश करने की कोशिश
हंगामे के बीच, सभापति धनखड़ ने कहा कि वह सदन में राष्ट्रपति का संदेश पेश करना चाहते हैं, जिसे विपक्षी सांसदों द्वारा रोका जा रहा था। उन्होंने हंगामा कर रहे सांसदों से अपील की कि वे अपनी जगहों पर लौट जाएं और सदन की कार्यवाही में व्यवधान ना डालें। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा, और विपक्ष के सांसद शांत नहीं हुए।
विपक्ष का आरोप: सरकार ने सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया
कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को राजनीतिक रूप से लागू करने की कोशिश की है, जबकि बिल पर पूरी चर्चा होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि यदि सदन में इस पर चर्चा होती, तो यह स्पष्ट हो जाता कि सरकार के पास इस विधेयक के लिए सही तैयारी नहीं थी।
तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का विरोध जारी
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी ने भी आरोप लगाया कि रिपोर्ट में उनके दल के टिप्पणियों, अवलोकनों और निष्कर्षों को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “हमारे साक्ष्यों पर विचार नहीं किया गया है और यह पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है।”