ब्रैम्पटन, कनाडा: कनाडा में हाल ही में बढ़ रहे चरमपंथी हमलों का निशाना इस बार ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं को बनाया गया। कनाडा के सांसद चंद्र आर्य द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में मंदिर परिसर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर हुए इस हमले की गंभीरता को दर्शाया गया। इस घटना ने कनाडा में उग्रवाद के बढ़ते प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जिसके चलते देश के विपक्षी नेता पियरे पोलीवरे सहित अन्य नेताओं ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है।
हिंदू भक्तों पर हमला, सांसद चंद्र आर्य ने जताई कड़ी निंदा
कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने घटना को चिंताजनक बताया और कहा कि कनाडा में चरमपंथी संगठनों ने अब लाल लकीर पार कर दी है। आर्य के अनुसार, यह हमला कनाडाई समाज में बढ़ रहे उग्रवाद को दर्शाता है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने बयान में उन्होंने कहा, “आज कनाडाई चरमपंथियों ने लाल रेखा पार कर दी है। ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर में हिंदू-कनाडाई भक्तों पर किया गया हमला कनाडा में हिंसक चरमपंथ की गंभीरता को दिखाता है।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि चरमपंथियों को कनाडा के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानून का लाभ मिल रहा है, जिससे उन्हें अपनी गतिविधियों को अंजाम देने का खुला अवसर प्राप्त हो रहा है।
कट्टरपंथियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता: पियरे पोलीवरे
कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोलीवरे ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य करार दिया। उन्होंने अपने बयान में कहा कि कनाडा के सभी नागरिकों को शांति से अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। पोलीवरे ने सोशल मीडिया पर लिखा, “आज ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला अस्वीकार्य है। सभी कनाडाई लोगों को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। मैं कनाडाई समाज को एकजुट करूंगा और अराजकता को समाप्त करने के लिए प्रयास करूंगा।”
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कनाडा में उग्रवाद के लिए बना ‘सुरक्षित पनाहगाह’
टोरंटो के सांसद केविन वुओंग ने भी इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कनाडा अब चरमपंथियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बनता जा रहा है। वुओंग ने कहा, “कनाडाई नेता हिंदू समुदाय की रक्षा करने में असफल हो रहे हैं, जैसे कि वे ईसाई और यहूदी कनाडाई लोगों की सुरक्षा में भी असफल रहे हैं।” पिछले कुछ वर्षों में कनाडा के विभिन्न हिस्सों में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। पिछले वर्ष विंडसर में एक हिंदू मंदिर के बाहर भारत विरोधी पेंटिंग की गई थी। इसके अलावा मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन में भी हिंदू मंदिरों को पहले निशाना बनाया जा चुका है।