मुंबई, महाराष्ट्र: आईआईटी बॉम्बे में मार्च में आयोजित एक नाटक ‘राहोवन’ में भगवान राम और सीता का अपमानजनक चित्रण किए जाने को लेकर हुए विवाद के बाद, संस्थान ने आठ छात्रों पर कार्रवाई करते हुए उन पर कुल 6.4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
विवादित नाटक
यह नाटक आईआईटी बॉम्बे के वार्षिक कला उत्सव के दौरान 31 मार्च को किया गया था। नाटक में कथित तौर पर भगवान राम और सीता को अपमानजनक रूप से चित्रित किया गया था, और कुछ संवादों को द्विअर्थी और आपत्तिजनक माना गया था।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
नाटक के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसके बाद हिंदू संगठनों और सोशल मीडिया यूजर्स ने इसकी तीखी आलोचना की। इस घटना ने आईआईटी बॉम्बे की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए और कई लोगों ने संस्थान से कार्रवाई की मांग की।
IIT-B द्वारा कार्रवाई
विवाद बढ़ने के बाद, IIT-बॉम्बे ने एक जांच समिति का गठन किया। जांच के बाद, 8 छात्रों को दोषी पाया गया और उन पर जुर्माना लगाया गया। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, IIT बॉम्बे ने 4 जून को छात्रों को पेनल्टी नोटिस जारी किया था. इससे पहले, 8 मई को नाटक से संबंधित शिकायतों के मद्देनजर डिसीप्लीनरी कमिटी की बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में नाटक से जुड़े छात्रों को बुलाया गया और उनका पक्ष सुनने के बाद कमिटी ने जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई.
अन्य छात्रों पर कार्रवाई
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कम से कम सात अन्य छात्रों पर भी इस घटना में शामिल होने के लिए कार्रवाई की गई है। हालांकि, उनके खिलाफ लगाए गए जुर्माने या अन्य दंडों की जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
विवाद के मायने
यह घटना शैक्षणिक संस्थानों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक भावनाओं के सम्मान के बीच की लकीर को लेकर बहस छेड़ देती है। यह यह भी सवाल उठाता है कि क्या शैक्षणिक संस्थानों को अपने छात्रों द्वारा आयोजित गतिविधियों पर अधिक नियंत्रण रखना चाहिए।