Monday, May 5, 2025
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक: पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव पर अंतरराष्ट्रीय निगाहें केंद्रित

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 28 निर्दोष नागरिकों की मौत और कई दर्जन घायल हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन भारत ने इसके पीछे पाकिस्तानी समर्थन वाले आतंकियों का हाथ बताया है। इसके जवाब में भारत ने कई सख्त कदम उठाए:

  • सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया
  • अटारी लैंड ट्रांजिट पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया
  • कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की पहल
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UNSC में क्या होगा आज?

आज सोमवार को होने वाली यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक दोनों देशों के लिए वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर है। मई माह के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत इवेंजेलोस सेकेरिस ने पहले ही स्पष्ट किया है:

“हम आतंकवाद के हर रूप की निंदा करते हैं, लेकिन हमें क्षेत्र में बढ़ते तनाव को भी गंभीरता से लेना होगा।”

बैठक में पाकिस्तान इस बात पर जोर देगा कि भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है। इस मुद्दे को वह “ऐलान-ए-जंग” की तरह पेश कर रहा है। वहीं भारत, UNSC के समक्ष आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख और पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करेगा।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने रविवार को बयान जारी कर कहा:

“हम वर्ल्ड सिक्योरिटी बॉडी को भारत की आक्रामक कार्रवाइयों, उकसावे और भड़काऊ बयानों की जानकारी देंगे।”

साथ ही, पाकिस्तान ने चेताया कि सिंधु जल संधि के प्रवाह को रोकना युद्ध की तरह समझा जाएगा। जवाबी कार्रवाई में:

  • भारतीय एयरलाइनों के लिए एयरस्पेस बंद
  • भारत के साथ तीसरे देशों के माध्यम से व्यापार पर प्रतिबंध
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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और चिंता

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है और इसे नृशंस और मानवता के विरुद्ध कृत्य बताया है। यूरोपीय संघ, अमेरिका और कई अन्य देशों ने भी घटना की आलोचना की और भारत के प्रति संवेदना जताई।

हालांकि, वे सभी दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील कर रहे हैं, ताकि क्षेत्रीय स्थिरता बनी रहे। विश्लेषकों के अनुसार, यदि तनाव इसी प्रकार बढ़ता रहा, तो दक्षिण एशिया में सुरक्षा और भू-राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।

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