नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) बिल पर संसद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में गुरुवार को जबरदस्त हंगामा हुआ। बीजेपी सांसदों द्वारा वक्फ की जमीन को लेकर किए गए दावों और आरोपों के बाद विपक्षी सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
बीजेपी का दावा: वक्फ के पास ढाई कुवैत और डेढ़ बहरीन के बराबर जमीन
बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी ने बैठक में दावा किया कि देश में लैंड जिहाद हो रहा है और वक्फ बोर्ड के पास करीब 9 लाख एकड़ जमीन है, जो ढाई कुवैत और डेढ़ बहरीन के बराबर है। उन्होंने कहा कि वक्फ की जमीन को सरकार को सौंप देना चाहिए।
विपक्ष का पलटवार: सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश
कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने बीजेपी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश है। उन्होंने तर्क दिया कि देश में 2011 की जनगणना के मुताबिक, 6 लाख 40 हजार गांव हैं और अगर हर गांव में एक-एक एकड़ जमीन कब्रिस्तान, ईदगाह और मस्जिद की हो, तो भी बीजेपी का दावा गलत साबित होता है।
असदुद्दीन ओवैसी का विरोध
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बीजेपी के दावों का विरोध किया और कहा कि वक्फ की जमीन को लेकर भाजपा गलत नैरेटिव फैला रही है। उन्होंने कहा कि वक्फ की जमीन का इस्तेमाल धार्मिक कार्यों के लिए होता है और इसे सरकार को सौंपने से मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का हनन होगा।
बैठक में लगातार हंगामा
बैठक के दौरान बीजेपी और विपक्षी सांसदों के बीच लगातार हंगामा होता रहा। बीजेपी सांसद अभिजीत गांगुली ने वक्फ की जमीन को लेकर सवाल उठाए, जिस पर ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
वक्फ बिल क्या है?
वक्फ बिल एक विवादित विधेयक है, जिसके तहत वक्फ बोर्ड को और अधिक शक्तियां दी जाएंगी। यह विधेयक वक्फ अधिकारियों, व्यक्तिगत संपत्ति मालिकों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के बीच विवाद का एक प्रमुख कारण रहा है।
विवाद का मूल
2013 में यूपीए सरकार के दौरान मूल अधिनियम में संशोधन किया गया था और वक्फ बोर्ड को और अधिक शक्तियां दी गईं थीं। यह संशोधन बीजेपी सरकार के लिए एक अड़चन बन गया है और वह इसे बदलना चाहती है।