ढाका, 7 अगस्त 2024: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया, जो पिछले कुछ वर्षों से घर में नजरबंद थीं, हाल ही में जेल से रिहा हो गई हैं। उनकी रिहाई बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन द्वारा प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे को स्वीकार किए जाने के बाद संभव हो पाई। खालिदा जिया ने अपनी रिहाई पर बांग्लादेश के प्रदर्शनकारियों को ‘बहादुर’ बताते हुए धन्यवाद किया और उनके योगदान की सराहना की।
खालिदा जिया की प्रतिक्रिया और संदेश
जेल से रिहा होने के बाद खालिदा जिया ने अपने देशवासियों से एक लोकतांत्रिक बांग्लादेश बनाने का आग्रह किया, जिसमें सभी धर्मों का सम्मान किया जाए। एक बांग्ला वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, “आप सभी मेरे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहे थे। मैं अल्लाह के करम से आपसे बात करने में सक्षम हूं। हम इस फासीवादी सरकार से आजादी पाने में सक्षम हैं। मैं उन बहादुर लोगों को नमन करती हूं जिन्होंने अपनी जान दी। हमें इस जीत से एक नया बांग्लादेश बनाना है, जहां युवा और छात्र हमारी आशा होंगे।”
खालिदा ने धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, “हमें एक लोकतांत्रिक बांग्लादेश बनाना है, जहां सभी धर्मों का सम्मान किया जाए। युवा और छात्र इसे पूरा करेंगे। एक प्रगतिशील बांग्लादेश बनाएंगे जहां शांति और समृद्धि हो। एक ऐसा देश जहां बदला और नफरत न हो।”
खालिदा जिया को नया पासपोर्ट मिला
शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद, खालिदा जिया को एक नया पासपोर्ट भी मिला है। बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की। जिया, जिनकी उम्र 79 वर्ष है, को 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। हसीना ने हाल ही में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत चली गईं।
बीएनपी के मीडिया प्रकोष्ठ के सदस्य शैरुल कबीर खान ने बताया कि जिया के पासपोर्ट के नवीनीकरण की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी हो गई थी। जिया के निजी सचिव एबी एम अब्दुस सत्तार ने उसी रात नवीनीकृत पासपोर्ट प्राप्त किया।
बता दें कि खालिदा जिया को 25 मार्च, 2020 को एक कार्यकारी आदेश के तहत सशर्त रिहाई दी गई थी। इसके बाद से उनकी सज़ा को हर छह महीने में निलंबित किया जाता रहा। बांग्लादेश में दशकों से जिया और हसीना के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता चल रही है, जो वर्तमान में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है।