मध्यप्रदेश के छतरपुर और हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर बुधवार देर रात अंबेडकर नगर-प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन (14115) पर यात्रियों ने पथराव कर दिया। घटना रात करीब 1 बजे की है, जब प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों को ट्रेन के दरवाजे नहीं खुले, जिससे वे आक्रोशित हो गए और उन्होंने पत्थर और अन्य सामान फेंककर ट्रेन में तोड़फोड़ कर दी।
यात्रियों में मची अफरा-तफरी, महिलाओं और बच्चों में दहशत
पथराव में ट्रेन की कई बोगियों के दरवाजे और खिड़कियों को नुकसान पहुंचा। इस दौरान ट्रेन में मौजूद महिलाओं, बच्चों और यात्रियों में डर का माहौल बन गया। कुछ यात्रियों ने घटना के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किए, जिसमें लोग सुरक्षा की गुहार लगाते नजर आए।
भीड़ को देख अंदर बैठे यात्रियों ने नहीं खोले दरवाजे
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन रात करीब 12:45 बजे छतरपुर स्टेशन पर रुकी थी, लेकिन अंदर बैठे यात्रियों ने प्लेटफॉर्म पर मौजूद भीड़ को देखकर गेट नहीं खोले। इसके बाद गुस्साए लोगों ने ट्रेन पर पत्थर, पानी की बोतल और अन्य सामान फेंकना शुरू कर दिया।
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान मौके पर थे, लेकिन वे हालात को नियंत्रित नहीं कर सके, जिसके बाद सिविल पुलिस को सूचना दी गई।
रेलवे और पुलिस अधिकारियों का बयान
छतरपुर सिविल लाइन थाना प्रभारी वाल्मीक चौबे ने बताया कि रात करीब 1 बजे ट्रेन के दरवाजे नहीं खुलने से यात्रियों ने पथराव कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे।
हरपालपुर थाना प्रभारी पुष्पक शर्मा के अनुसार, रात करीब 2 बजे हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर भी कुछ लोगों ने ट्रेन पर पथराव किया। जानकारी मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात संभाले और ट्रेन को रवाना किया।
झांसी रेलवे मंडल ने दी सफाई
झांसी रेलवे मंडल के पीआरओ मनोज सिंह ने बताया कि प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की भीड़ काफी ज्यादा थी। जब ट्रेन के गेट नहीं खुले तो लोगों ने विरोध करते हुए हंगामा किया और कुछ ने खिड़कियों में तोड़फोड़ कर दी।
उन्होंने कहा कि घटना के तुरंत बाद आरपीएफ ने स्थिति संभाली और ट्रेन को रवाना कराया। साथ ही, यात्रियों की सुविधा के लिए ओरछा से प्रयागराज के लिए एक स्पेशल ट्रेन चलाई गई।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, रात में दो ही ट्रेनें थी, जिनमें से कुंभ स्पेशल ट्रेन भी 20 मिनट की देरी से आई थी। उसमें भी यात्रियों ने गेट बंद कर लिए थे, जिससे प्लेटफॉर्म पर मौजूद लोगों को अंदर जाने में परेशानी हुई।
रेलवे प्रशासन ने कहा कि इस तरह की घटनाएं यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं, और इस मामले में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।