नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को लोक सेवा दिवस के अवसर पर देशभर के लोक सेवकों को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी प्रदान करेंगे।
इन पुरस्कारों का उद्देश्य जिलों तथा केंद्र और राज्य सरकारों में प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों और नवाचारों के प्रभावी क्रियान्वयन को मान्यता देना है। संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री समग्र विकास और नवाचारों पर आधारित ई-पुस्तकों का विमोचन भी करेंगे, जिनमें प्रशासनिक सुधारों और योजनाओं की सफलता की कहानियां सम्मिलित हैं।

कार्यक्रम में पुरस्कार विजेता पहलों पर आधारित एक फिल्म भी प्रदर्शित की जाएगी, जिससे अन्य अधिकारी भी प्रेरणा ले सकें। यह सातवां अवसर होगा जब प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस समारोह को संबोधित करेंगे।
क्या है राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस?
हर वर्ष 21 अप्रैल को देशभर में राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य उन लोक सेवकों को सम्मानित करना है जो नागरिकों की सेवा में असाधारण योगदान देते हैं। इस दिन देशभर में आयोजित कार्यक्रमों में वर्षभर के प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा, भविष्य की योजनाओं पर चर्चा और नवाचारों के अनुभव साझा किए जाते हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
इस दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि 21 अप्रैल 1947 को सरदार वल्लभभाई पटेल ने दिल्ली के मेटकाफ हाउस में अखिल भारतीय सेवाओं का उद्घाटन किया था। उन्होंने लोक सेवकों को “देश की स्टील फ्रेम” की उपाधि दी थी और उन्हें देश सेवा के लिए प्रेरित किया था।
2006 में भारत सरकार ने पहली बार 21 अप्रैल को एक व्यापक समारोह के रूप में मनाया, जिसके बाद से हर वर्ष यह दिन राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
लोक सेवा दिवस के आयोजन
इस दिन केंद्र और राज्य सरकारों के प्रशासनिक अधिकारी विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। उन्हें सार्वजनिक सेवाओं में नवाचार, पारदर्शिता और प्रभावशीलता के लिए सम्मानित किया जाता है। देशभर के शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों और प्रशासनिक प्रशिक्षण केंद्रों में सिविल सेवकों को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित कर उनके अनुभव साझा कराए जाते हैं।

भारतीय सिविल सेवाओं की उत्पत्ति
सिविल सर्वेंट शब्द की उत्पत्ति ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल में हुई। उस समय ब्रिटिश सरकार के प्रशासनिक कर्मचारियों को ‘सिविल सर्वेंट’ कहा जाता था। इन सेवाओं की नींव वॉरेन हेस्टिंग्स ने रखी, जबकि चार्ल्स कॉर्नवॉलिस ने इसमें महत्वपूर्ण सुधार किए। इसी कारण कॉर्नवॉलिस को “भारत में नागरिक सेवाओं का जनक” कहा जाता है।
कौन-कौन सी सेवाएं आती हैं इसके अंतर्गत?
भारत में निम्न सेवाएं सिविल सेवा के अंतर्गत आती हैं:
- भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS)
- भारतीय पुलिस सेवा (IPS)
- भारतीय विदेश सेवा (IFS)
- केंद्रीय सेवा समूह अ और ब
इन सभी सेवाओं के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें देशभर के लाखों युवा भाग लेते हैं।