यमुना जल समझौते को 2021 की पुरानी डीपीआर से ही लागू करवाने की मांग को लेकर आज क्षेत्र के किसानों ने उपखण्ड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
यमुना जल महासंघर्ष समिति के बैनर तले विरोध कर रहे सुल्ताना, चारावास, पदमपुरा, बुडानिया, पिलानी, श्योपुरा, पचेरी, लोदीपुरा, खुड़ोत, भुकाना आदि गांवों से आए किसानों का कहना था कि राजस्थान सरकार ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में हरियाणा सरकार के साथ जो समझौता किया है, वो शेखावाटी के कृषक समुदाय के साथ एक छलावा है। जिले के किसानों को सिंचाई के लिए नहर के पानी की आवश्यकता है और 1994 का यमुना जल समझौता भी सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाए जाने के उद्देश्य से ही किया गया था। पेयजल के लिए कुंभाराम लिफ्ट कैनाल से पानी जिले को पहले ही उपलब्ध करवाया जा रहा है। अब फिर से हरियाणा सरकार के साथ पेयजल के लिए नई डीपीआर के अनुसार समझौता करने का कोई औचित्य नहीं है।
एसडीएम को ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल बजरंग लाल बराला ने बताया कि राजस्थान सरकार ने नई हरियाणा सरकार के साथ नई डीपीआर के अनुसार समझौता करके झुंझुनू जिले के किसानों को धोखा देने का काम किया है। जिले के किसान इस धोखे को याद रखेंगे और लोकसभा चुनाव में इसका जवाब देंगे।
ज्ञापन देने वालों में ये रहे शामिल
ज्ञापन देने वालों में इन्द्राज सिंह चारावास, बजरंग लाल बराला, सुरेश महला, श्रीपाल, मंगेज सिंह, मदन लाल बेदवाल, श्याम सिंह शेखावत, राजेन्द्र कुमार, सम्पत सैनी, ब्रह्मानन्द रोहिल्ला, सुमेर सिंह, महिपाल पूनिया, हरिओम, सुबेसिंह, जयप्रकाश, विजेन्द्र शास्त्री, राजेन्द्र सिंह चाहर, गिरधारीलाल, विक्रांत जाखड़, श्याम लाल, रामचंद्र कुल्हरी, विजयलक्ष्मी, ममता कुमारी, कौशल्या सैनी, सज्जना, रीना कुमारी, विमला देवी, कविता देवी, दीपा, निर्मला, कविता, सुशीला, टीना, बिमला, दीपा आदि किसान शामिल थे।