पाकिस्तान चुनाव परिणाम 2024: राजनीतिज्ञ विश्लेषकों के मुताबिक पाकिस्तान में कोई तीसरा सरकार बना सकता है. यह तीसरा कोई और नहीं बल्कि बिलावल भुट्टो जरदारी हैं. विश्लेषकों का मानना है कि इमरान समर्थित उम्मीदवार ज्यादा सीटें जीत रहे हैं, लेकिन ये सभी निर्दलीय उम्मीदवार हैं. ऐसे में तीसरे व्यक्ति को मौका मिल सकता है, क्योंकि बिलावल भुट्टो जरदारी पाकिस्तानी सेना के करीबी माने जाते हैं. वहीं नवाज शरीफ से पाकिस्तानी जनता परेशान है.
कई रिपोर्टों के मुताबिक इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थक पाकिस्तान के चुनाव में काफी आगे निकल गए हैं. पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इमरान खान की पार्टी को चुनाव नहीं लड़ने दिया और उसका चुनाव चिन्ह बल्ला भी वापस ले लिया था, इसके बावजूद इमरान के समर्थकों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. पीटीआई के मुताबिक चुनाव परिणामों को लेकर पाकिस्तानी सेना घबरा गई है और रिजल्ट की घोषणा करने में देरी कर रही है. पीटीआई ने चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप भी लगाए गए हैं.
बिलावल भुट्टो को सेना की मिल सकती है मदद
कड़ी मशक्कत के बाद नवाज शरीफ चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनका पीएम बनना नामुमकिन माना जा रहा है. पाकिस्तानी विश्लेषकों के मुताबिक नवाज शरीफ और इमरान की इस सियासी लड़ाई में पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो सेना की मदद से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन सकते हैं.
बता दें कि इस बार पाकिस्तान के चुनाव में बहुमत पाने के लिए 133 सीटों की जरूरत है. वहीं गैर पुष्ट आंकड़ों के मुताबिक इमरान समर्थक उम्मीदवार बहुमत के आंकड़े को पार कर चुके हैं. इन आंकड़ो के मुताबिक नवाज शरीफ की पार्टी को 47 और बिलावल की पार्टी पीपीपी को भी 47 सीटें मिल रही है. वहीं 154 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतते दिख रहे हैं. इन निर्दीलीय उम्मीदवारों में ज्यादातर पीटीआई समर्थक हैं. विश्लेषकों के मुताबिक इस बार पाकिस्तान में निर्दलीय उम्मीदवारों को जोड़कर सरकार बन सकती है.
पाकिस्तान के मशहूर पत्रकार एजाज सैयद के मुताबिक पाकिस्तान में अब सेना की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होने जा रही है. पाकिस्तानी सेना के अनुसार ही 120 से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार अपना वोट करेंगे. एजाज के अनुसार इन 120 उम्मीदवारों ने पहले ही पाकिस्तानी सेना को आश्वासन दे चुके हैं, कि जनरल मुनीर जहां कहेंगे वहीं इनका समर्थन होगा. इनसब बातों को ध्यान में रखते हुए कई विश्लेषकों का मानना है कि नवाज शरीब को बहुमत नहीं मिल रहा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि भारी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ जा सकते हैं.
महंगाई के कारण शहबाज की लोकप्रियता गई
पाकिस्तान की राजनीति में बिलावल भुट्टो जरदारी और उनके पिता आसिफ अली जरदारी को काफी होशियार राजनीतिज्ञ माना जाता है. जिस दौरान नवाज शरीफ, इमरान खान से भिड़ रहे थे और शहबाज शरीफ जन विरोधी नीतियों को देश में लागू कर रहे थे, उसी समय बिलावल चुप्पी मारकर बैठे थे. शहबाज की सरकार में महंगाई बढ़ने से इनकी लोकप्रियता चली गई. दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना को खुश करने के लिए बिलावल ने भारत के खिलाफ कई बयान भी दिए. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक बिलावल का अब पीएम बनने का सपना सच हो सकता है.