चिड़ावा: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 28 मई 2025 को घोषित कक्षा 10वीं के परीक्षा परिणामों के बाद चिड़ावा के एक परीक्षा केंद्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। परीक्षा केंद्र कोड 15239 पर विज्ञान विषय की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच को लेकर छात्रों, अभिभावकों और विद्यालय प्रबंधनों ने गंभीर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि छात्रों को विज्ञान में अन्य विषयों की तुलना में औसतन 30 से 35 अंक तक कम दिए गए हैं, जिससे मेधावी विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित हो रहा है।
यह परीक्षा केंद्र राजस्थान पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चिड़ावा में बनाया गया था, जहां विवेकानंद पब्लिक स्कूल, परमहंस गणेश पंडित स्कूल और एमआरएस कृष्ण प्रणामी पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इन स्कूलों के प्रबंधन और छात्रों के अभिभावकों ने इस मामले को गंभीर मानते हुए उपखंड अधिकारी के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को ज्ञापन प्रेषित किया है। ज्ञापन की प्रतियां मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के सचिव और झुंझुनूं जिला शिक्षा अधिकारी को भी भेजी गई हैं।
ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि कई छात्र, जिन्होंने गणित, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान जैसे अन्य विषयों में 95 से 100 तक अंक प्राप्त किए, उन्हें विज्ञान विषय में केवल 61 से 79 अंकों के बीच अंक दिए गए हैं। इस अंतर को देखते हुए विद्यालयों का कहना है कि उत्तरपुस्तिकाओं की जांच में त्रुटि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
विद्यालय प्रबंधन ने इस स्थिति को विद्यार्थियों के साथ अन्याय और मेधा के साथ खिलवाड़ करार दिया है। उनका मानना है कि इस प्रकार के अंक छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं, विशेष रूप से उन छात्रों के लिए जो विज्ञान वर्ग में आगे की पढ़ाई की योजना बना रहे हैं।
अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की गई और छात्रों को न्याय नहीं मिला, तो वे बोर्ड कार्यालय का घेराव करने को मजबूर होंगे। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि उत्तरपुस्तिकाओं की दोबारा जांच करवाई जाए और यदि जांच में लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित जांचकर्ताओं पर कार्रवाई की जाए।
फिलहाल राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन बढ़ते विरोध को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि विभाग जल्द ही इस मामले में स्थिति स्पष्ट करेगा।