नई दिल्ली: मशहूर भजन गायक कन्हैया मित्तल, जिन्होंने “जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे” गीत से लोकप्रियता पाई, ने कांग्रेस में शामिल होने का अपना निर्णय वापस ले लिया है। मित्तल ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि वे कांग्रेस में शामिल होंगे, लेकिन अब उन्होंने अपनी इस योजना को स्थगित कर दिया है। एक वीडियो संदेश में मित्तल ने कहा कि वह कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे और भाजपा के प्रति अपने समर्पण को बनाए रखेंगे।
कन्हैया मित्तल का वीडियो संदेश
कन्हैया मित्तल ने अपने फैसले को बदलने के पीछे की वजह का खुलासा करते हुए कहा, “पिछले दो दिनों से मुझे यह एहसास हुआ कि मेरे सभी सनातनी भाई-बहन, खासकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व, मुझे बहुत प्यार करता है और मेरी चिंता करता है। मैं देख रहा हूं कि मेरे इस निर्णय से कई लोग परेशान हुए हैं, जिसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं। मेरी मन की बात जो मैंने कही थी कि मैं कांग्रेस ज्वाइन करने वाला हूं, उसे मैं अब वापस ले रहा हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं नहीं चाहता कि किसी भी सनातनी का विश्वास टूटे। अगर मैं आज यह निर्णय लेता हूं, तो हो सकता है कि और भी कई लोग इससे प्रभावित हों। हम सभी राम के थे और राम के रहेंगे। मैं फिर से आप सभी से क्षमा चाहता हूं और धन्यवाद करता हूं।”
भाजपा से संबंध और राजनीति में दिलचस्पी
कन्हैया मित्तल का नाम हाल ही में हरियाणा की पंचकूला सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट के संभावित दावेदारों में चर्चा में था। हालांकि, मित्तल ने साफ किया कि उनकी टिकट की कोई विशेष इच्छा नहीं थी। भाजपा ने इस सीट से ज्ञान चंद गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। मित्तल ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि उन्होंने कभी भाजपा से टिकट की मांग नहीं की थी, बल्कि उनका मुख्य उद्देश्य समाज और धर्म की सेवा करना है।
भजनों और राजनीतिक प्रचार में योगदान
कन्हैया मित्तल के भजन भाजपा के चुनावी प्रचार में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में खूब लोकप्रिय रहे हैं। उनके गीत भाजपा के कार्यक्रमों में अक्सर सुनने को मिलते रहे हैं, जिससे उन्हें भाजपा समर्थकों के बीच एक विशेष पहचान मिली है। मित्तल, जो चंडीगढ़ के रहने वाले हैं, ने कई हिट भजन गाए हैं और उनकी सोशल मीडिया पर बड़ी फॉलोइंग है। फेसबुक पर उनके 1.9 मिलियन फॉलोअर्स हैं, जबकि यूट्यूब पर उनके 2.65 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं।