Wednesday, December 18, 2024
Homeदेशसैयद अहमद बुखारी के बाद अगला जामा मस्जिद शाही इमाम कौन है,...

सैयद अहमद बुखारी के बाद अगला जामा मस्जिद शाही इमाम कौन है, शाही इमाम ने जामा मस्जिद को शाही इमाम कैसे घोषित किया?

दिल्ली की ऐतिहासिक मस्जिद जामा मस्जिद (Jama Masid Shahi Imam) के इमाम सैयद अहमद बुखारी (Syed Hamad Bukhari) अपने बेटे और नायब इमाम सैयद उसामा शाबान बुखारी को अपना उत्तराधिकारी बनाने जा रहे हैं, जिसे इस्लामिक भाषा में जानशीन कहते हैं. 25 फरवरी को सैयद अहमद बुखारी इसका औपचारिक तौर पर ऐलान करेंगे. 25 फरवरी को उसामा शाबान बुखारी की इमाम के तौर पर दस्तराबंदी भी की जाएगी. दस्तराबंदी एक तरह की रस्म है, जिसमें कोई बुजुर्ग या धार्मिक विद्वान व्यक्ति सिर पर पगड़ी बांधता है.

उसामा शाबान बुखारी की दस्तराबंदी के बाद भी सैयद अहमद बुखारी ही इमाम के तौर पर जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे, लेकिन अगर आने वाले समय में सेहत या किसी और वजह से उनके सामने यह जिम्मेदारी निभाने में कोई मुश्किल आती है तो सैयद उसामा शाबान बुखारी इमाम का पद संभालेंगे. 25 फरवरी की रस्म के बाद वह इमाम के पद को संभालने के लिए तैयार हो जाएंगे. सैयद अहमद बुखारी के रहते हुए उसामा शाबान की इमाम के तौर पर दस्तराबंदी क्यों की जा रही है, आइए जानते हैं-

कैसे चुना जाता है जामा मस्जिद का इमाम

शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने ऐलान के साथ बताया कि जामा मस्जिद के इमाम को अपने जीते जी ही अपने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा करनी होती है. जामा मस्जिद के शाही इमाम बनाए जाने की प्रक्रिया वंशानुगत है. मसलन पिता के बाद उनका बेटा शाही इमाम बनाया जाता है. साल 1650 में शाहजहां द्वारा जामा मस्जिद के लिए चुने गए पहले इमाम के समय से यही परंपरा चली आ रही है.

जामा मस्जिद के शाही इमाम का इतिहास क्या है?

जामा मस्जिद के शाही इमाम पद पर बुखारी खानदान अपना हक जताता आया है. मुस्लिम समाज में यह बेहद महत्वपूर्ण पद है और सालों से बुखारी परिवार के लोग ही यह जिम्मेदारी संभालते आए हैं. वैसे शाही इमाम का मतलब देखें तो शाही का मतलब राजा और इमाम वो होते हैं जो मस्जिद में नमाज पढ़ाते हैं. साल 1650 में जब मुगल शासक शाहजहां ने दिल्ली में जामा मस्जिद बनवाई तो बुखारा (उज्बेकिस्तान) शासकों को एक इमाम की जरूरत बताई और मौलाना अब्दुल गफूर शाही बुखारी को इमाम का खिताब दिया गया. वैसे भारत सरकार ने न तो यह पद बनाया और न ही इस पद को कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त है.

कौन हैं शाबान बुखारी

सैयद उसामा शाबान बुखारी जामा मस्जिद के चौदहवें इमाम होंगे. जामा मस्जिद से जुड़े सूत्रों के अनुसार, साल 2014 में उन्हें बायब इमाम की जिम्मेदारी मिली थी. इसके बाद से भी वह देश और विदेशों में धर्म से जुड़ी ट्रेनिंग ले रहे हैं. शाही इमाम के पद पर होने के लिए इस्लाम से जुड़ी तमाम नॉलेज होना जरूरी होता है.

स्त्रोत – ABP Live न्यूज़

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!