मुंबई: भारत के जाने-माने उद्योगपति और टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है। उन्होंने 86 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। टाटा समूह के इस दिग्गज के जाने से भारतीय उद्योग जगत में एक युग का अंत हो गया है।
हर्ष गोयनका ने जताया शोक
हर्ष गोयनका ने ट्विटर पर रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “घड़ी ने टिक-टिक बंद कर दी है। टाइटन का निधन हो गया। रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक लीडरशिप और परोपकार की एक मिसाल थे। उन्होंने व्यापार के अलावा इससे परे की दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वह हमारी स्मृतियों में सदैव शिखर पर रहेंगे।”
किया था स्वास्थ्य संबंधी अफवाहों का खंडन
सोमवार को रतन टाटा के स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को लेकर अफवाहें उड़ी थीं, जिसे उनके अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से खंडित किया गया था। हालांकि, अब उनके निधन की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।
टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया
रतन टाटा ने मार्च 1991 से दिसंबर 2012 तक टाटा संस के चेयरमैन के रूप में टाटा समूह का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनके नेतृत्व में समूह ने कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया और देश-विदेश में अपनी पहचान बनाई। साल 2008 में रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
टाटा समूह से जुड़ाव
विदेश से पढ़ाई पूरी करने के बाद रतन टाटा ने टाटा इंडस्ट्रीज में बतौर असिस्टेंट के रूप में अपना करियर शुरू किया। इसके बाद उन्होंने जमशेदपुर में टाटा के प्लांट में ट्रेनिंग ली और 1991 में टाटा संस और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन का पदभार संभाला।
एक युग का अंत
रतन टाटा के निधन से भारतीय उद्योग जगत में एक युग का अंत हो गया है। उन्होंने न केवल टाटा समूह को बल्कि पूरे देश को एक नई दिशा दिखाई। उनकी विरासत सदैव हमारे दिलों में जिंदा रहेगी।