रामेश्वरम, तमिलनाडु: प्राचीन तमिल संस्कृति, सभ्यता और समृद्ध इतिहास के प्रतीक रामेश्वरम में देश की पहली वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज ‘पंबन’ पुल का उद्घाटन रविवार, 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्पन्न होगा। यह ऐतिहासिक अवसर रामनवमी के शुभ पर्व पर मनाया जाएगा, जो न केवल धार्मिक बल्कि तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर की दृष्टि से भी मील का पत्थर साबित होगा।
पीएम मोदी देंगे नई ट्रेन और जहाज को हरी झंडी
प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान रामेश्वरम से तांबरम (चेन्नई) तक चलने वाली नई ट्रेन सेवा और एक आधुनिक जहाज को भी हरी झंडी दिखाएंगे। इसके साथ ही वह इस अत्याधुनिक पुल के संचालन का भी अवलोकन करेंगे। रामेश्वरम में वे प्राचीन रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन एवं पूजा कर आशीर्वाद लेंगे।

8,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित
प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई प्रमुख सड़क और रेलवे परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इन परियोजनाओं में एनएच-40, एनएच-332, एनएच-32 और एनएच-36 के महत्वपूर्ण खंडों को चार लेन में विस्तारित करने के काम शामिल हैं, जिनसे राज्य की कनेक्टिविटी और परिवहन व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आएगा।
इन राजमार्गों से तीर्थ और पर्यटन स्थलों को मिलेगा बढ़ावा
नए राजमार्गों की मदद से न केवल शहरों के बीच की दूरी कम होगी बल्कि मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों, बंदरगाहों और अन्य सुविधाओं तक तेज़ और सुगम पहुंच संभव हो सकेगी। इसके अलावा, स्थानीय किसानों को कृषि उत्पादों को बाजारों तक पहुँचाने में मदद मिलेगी और स्थानीय चमड़ा उद्योग तथा लघु उद्यमों की आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
‘पंबन वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज’ बनेगा रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है, जो भारत के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में नया इतिहास रचने जा रहा है। 535 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह पुल जंग से क्षतिग्रस्त पुराने पुल की जगह लेगा, जो अबतक मीटर गेज से ब्रॉड गेज में परिवर्तित होकर कार्यरत था।

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रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ेगा नया पुल
यह नया पुल रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पुराना पुल, जो मूल रूप से मीटर गेज ट्रेनों के लिए बनाया गया था, को 2007 में ब्रॉड गेज ट्रेनों के लिए पुनः खोला गया था। लेकिन फरवरी 2019 में रेल मंत्रालय ने निर्णय लिया कि इस पुराने ढांचे को हटाकर एक अत्याधुनिक और सुरक्षित ब्रिज का निर्माण किया जाए, जो अब पूर्णता की ओर है।