चिड़ावा, 27 मई 2025: राजस्थान शिक्षण संस्थान, चिड़ावा ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल करते हुए शहर और आसपास के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर आम जनता की सुविधा के लिए आरामदायक सीमेंटेड बेंचें स्थापित की हैं। संस्थान के निदेशक और वरिष्ठ शिक्षाविद् श्रीराम थालौर के मार्गदर्शन में किए गए इस कार्य की पूरे क्षेत्र में सराहना की जा रही है।
श्रीराम थालौर ने अपनी दैनिक सैर के दौरान महसूस किया कि चिड़ावा के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण वृद्धजनों, महिलाओं, बच्चों व राहगीरों को काफी असुविधा होती है। उन्होंने इस सामाजिक आवश्यकता को गंभीरता से लेते हुए 20 प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर सीमेंटेड बेंचें लगाने का निर्णय लिया।

इन स्थलों में प्रमुख रूप से उपजिला अस्पताल, पंडित गणेश नारायण मंदिर, माता जी का मंदिर, झुंझुनूं बस स्टैंड सहित भीड़-भाड़ वाले अन्य इलाके शामिल हैं। इन बेंचों की स्थापना से अब राहगीरों को विश्राम और इंतजार के दौरान बैठने की समुचित सुविधा मिल सकेगी।
दृश्य झलकियां
- झुंझुनूं बस स्टैंड पर लगी सीमेंटेड बेंचें
- मंदिर प्रांगण में महिलाएं विश्राम करती हुईं
- अस्पताल के बाहर बुजुर्गजन बेंचों पर बैठे हुए
- निदेशक श्रीराम थालौर बेंच स्थापना स्थल पर निरीक्षण करते हुए
संस्थान की सामाजिक भूमिका
1987 से संचालित राजस्थान शिक्षण संस्थान, चिड़ावा न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक उत्थान के लिए भी निरंतर कार्य कर रहा है। यह पहल उसी सोच का परिणाम है, जिसके अंतर्गत संस्थान आज जिले के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में गिना जाता है।

इस सार्वजनिक हित के कार्य को संस्थान के प्रमुख पदाधिकारियों और शिक्षकों ने भी भरपूर समर्थन दिया है। इनमें प्रमुख रूप से—
- सचिव: संजय थालौर
- चेयरपर्सन: नीतिका थालौर
- प्रबंध निदेशक: गोपीचंद जांगिड़
- प्राचार्य: डॉ. सुभाष बोला
- शिक्षकगण: डॉ. अरविंद भालोठिया, डॉ. विजेंद्र पूनिया, डॉ. दिनेश गौतम, संगीता शर्मा, अंजना सोमरा, अजीत महला, रामचंद्र सैनी, कुरड़ाराम डारा
सभी ने इस पहल को संस्थान की “जनसेवा की भावना” से प्रेरित बताते हुए इसे निरंतर जारी रखने की आवश्यकता बताई।