खेतड़ी, 17 दिसम्बर 2024: खेतड़ी के रसूलपुर गांव में अल सुबह अचानक पशुओं के बाड़े में आग लगने से सात पशुओं की मौत हो गई। आग की भयावहता इतनी अधिक थी कि ग्रामीणों के तमाम प्रयासों के बावजूद बाड़े में बंधे पशुओं को बचाया नहीं जा सका। हादसे के कारण किसानों को भारी आर्थिक क्षति हुई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित किसानों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
आग लगने की घटना और प्रयास
घटना के दौरान रसूलपुर निवासी मूलचंद जांगिड़ और विनोद जांगिड़ अपने पशुओं को बाड़े में बांधकर पास के मकान में सो रहे थे। इस बीच उनके पड़ोसी ने फोन करके सूचना दी कि घर के पास आग लगी हुई है। जब दोनों किसान बाहर निकले तो उन्होंने देखा कि बाड़े में चारा और छान टपरी में आग धधक रही थी।
आग को बुझाने के लिए उन्होंने हरसंभव प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद तुरंत पावर हाउस में फोन करके तीन फेज लाइट चालू करवाई गई। करीब आधे घंटे के इंतजार के बाद बिजली आने पर पानी की मोटर चलाई गई, लेकिन तब तक आग ने पूरे बाड़े को अपनी चपेट में ले लिया था और वहां बंधे सभी पशु जलकर राख हो गए।
सात पशुओं की मौत, लाखों का नुकसान
इस हादसे में दो भैंस, तीन गाय और दो छोटे मवेशियों की दर्दनाक मौत हो गई। मूलचंद जांगिड़ और विनोद जांगिड़ ने बताया कि वे खेती के माध्यम से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं और पशुपालन उनकी आय का मुख्य जरिया है। किसानों ने हाल ही में एक भैंस खरीदी थी, जिसकी कीमत करीब 1 लाख 30 हजार रुपये थी।
घटना के बाद किसान मूलचंद ने बताया कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट है। इस हादसे में लगभग साढ़े पांच लाख रुपये के पशु और उनके लिए रखा गया चारा जलकर राख हो गया।
ग्रामीणों की सहायता और प्रशासन से मांग
आग की घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और आग बुझाने के प्रयास में जुट गए। रसूलपुर के सरपंच राजेश जांगिड़ भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटना की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को दी।
सरपंच राजेश जांगिड़ ने मौके पर पशु चिकित्सकों को बुलाकर मृत पशुओं का पोस्टमार्टम करवाया और रिपोर्ट तैयार करवाई। उन्होंने आश्वासन दिया कि पीड़ित किसानों को हर संभव सरकारी सहायता दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
ग्रामीणों की अपील
घटना से गहरे सदमे में आए किसानों के समर्थन में ग्रामीणों ने प्रशासन से तुरंत आर्थिक सहायता देने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उचित मुआवजा दिया जाए ताकि वे फिर से अपने जीवन को पटरी पर ला सकें।