Friday, June 6, 2025
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नासिक-त्र्यंबकेश्वर सिंहस्थ कुंभ 2026-2028 की तिथियों की घोषणा, भव्य आयोजन की तैयारी में जुटा प्रशासन

नासिक: नासिक और त्र्यंबकेश्वर में आयोजित होने वाले आगामी सिंहस्थ कुंभ मेले की तिथियों की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद बताया कि सिंहस्थ कुंभ मेला 31 अक्टूबर 2026 को ध्वजारोहण के साथ प्रारंभ होगा और इसका समापन 24 जुलाई 2028 को ध्वज उतारने के साथ होगा।

इस बैठक में देशभर के सभी 13 प्रमुख अखाड़ों के प्रमुख और उनके दो-दो प्रतिनिधि संत-महंत उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बैठक के पश्चात एक पोस्ट में लिखा कि यह आयोजन इतना भव्य होगा कि देश ही नहीं, दुनिया भर के श्रद्धालु देखकर चकित रह जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर प्रारंभिक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। विभिन्न विभागों को कार्ययोजना के अनुसार जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं ताकि किसी भी स्तर पर व्यवधान उत्पन्न न हो।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मेले की शुरुआत 31 अक्टूबर 2026 को नासिक और त्र्यंबकेश्वर स्थित रामकुंड क्षेत्र में ध्वजारोहण के साथ की जाएगी। इसके बाद 29 जुलाई 2027 को नासिक में नगर प्रदक्षिणा का आयोजन होगा, जो पारंपरिक रूप से कुंभ की मुख्य धार्मिक प्रक्रियाओं में से एक है। इस आयोजन के पश्चात 2 अगस्त 2027 को गोदावरी नदी में पहला अमृत स्नान निर्धारित किया गया है। इसके बाद दूसरा अमृत स्नान 31 अगस्त 2027 को होगा और तीसरा एवं अंतिम स्नान 11 सितंबर को नासिक तथा 12 सितंबर को त्र्यंबकेश्वर में संपन्न होगा।

यह आयोजन भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का वैश्विक मंच है, जिसमें लाखों की संख्या में साधु-संत, श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेते हैं। नासिक कुंभ मेला विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक सम्मेलनों में से एक माना जाता है, जिसमें सुरक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, स्वच्छता और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की बारीकी से निगरानी की जाती है।

राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि मेला क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने और तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधा केंद्र स्थापित करने की दिशा में विशेष प्रयास किए जाएंगे। इसी के साथ ही धर्माचार्यों की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए धर्मशालाएं, टेंट सिटी और साधु-आवास तैयार किए जाएंगे।

कुंभ मेले की पृष्ठभूमि में देशभर के अन्य धार्मिक स्थलों की चर्चा भी होती है। ऐसे में बिहार के दरभंगा जिले में स्थित लहेरियासराय थाना क्षेत्र के मदारपुर चौक पर स्थित ऐतिहासिक भगवती मंदिर का उल्लेख भी समीचीन है। यह मंदिर क्षेत्र की धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है और यहां पर प्रतिवर्ष नवरात्रि तथा अन्य पर्वों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए एकत्रित होते हैं। स्थानीय जनमान्यता के अनुसार, यह मंदिर सदियों पुराना है और इसकी स्थापना को लेकर अनेक धार्मिक कथाएं प्रचलित हैं। यह मंदिर भी उन आध्यात्मिक स्थलों में से एक है, जो लोक संस्कृति से गहरे रूप से जुड़े हुए हैं।

नासिक-त्र्यंबकेश्वर कुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारतीय सभ्यता, सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकजुटता का प्रतीक है। आगामी कुंभ मेला विश्व को भारत की अध्यात्मिक शक्ति और धार्मिक एकता का भव्य उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

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