वाशिंगटन, अमेरिका: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने विवादित बयानों की श्रृंखला में ग्रीनलैंड, कनाडा और पनामा नहर के अधिग्रहण में रुचि दिखाते हुए एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक लाभ का हवाला देते हुए इन क्षेत्रों पर अमेरिकी स्वामित्व की वकालत की। उनके इन बयानों पर डेनमार्क और पनामा के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
ग्रीनलैंड अधिग्रहण पर ट्रंप का जोर
ट्रंप ने हाल ही में ग्रीनलैंड को लेकर अपनी रुचि सार्वजनिक की। ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “ग्रीनलैंड पर अमेरिकी स्वामित्व और नियंत्रण राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक स्वतंत्रता के लिए एक अनिवार्यता है।” डेनमार्क की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद रासमस जारलोव ने ट्रंप के बयान की आलोचना करते हुए इसे “तानाशाही मानसिकता” करार दिया। जारलोव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “ग्रीनलैंड 1380 से डेनमार्क का हिस्सा है और यह स्थिति आगे भी जारी रहेगी। यह कोई मजाक नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है।”
पनामा नहर पर अमेरिकी दावा
ट्रंप ने पनामा नहर पर भी विवादित बयान देते हुए इसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति बताया। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें पनामा नहर के ऊपर अमेरिकी झंडा लहराता दिख रहा था। उन्होंने लिखा, “यूनाइटेड स्टेट्स कैनाल में आपका स्वागत है!” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर पनामा ने इसे अमेरिकी नियंत्रण में नहीं दिया, तो अमेरिका इसे “बिना किसी सवाल के” वापस लेने की मांग करेगा।
पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने ट्रंप की इस टिप्पणी पर कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “पनामा नहर और उसके आसपास का हर वर्ग मीटर पनामा का है और हमेशा रहेगा।”
कनाडा को 51वां राज्य बनाने का विचार
ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का सुझाव देकर भी हलचल मचा दी। उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर पोस्ट किया, “कई कनाडाई चाहते हैं कि कनाडा अमेरिका का हिस्सा बने। इससे वे करों और सैन्य सुरक्षा पर भारी बचत कर सकते हैं। मुझे लगता है कि यह एक शानदार विचार है।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो संभावित टैरिफ युद्ध के कारण घरेलू राजनीतिक संकट का सामना कर रहे हैं।
डेनमार्क और पनामा के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
डेनमार्क और पनामा के नेताओं ने ट्रंप के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। डेनमार्क के नेता जारलोव ने इसे “तानाशाही सोच” बताते हुए कहा, “स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश इस तरह की धमकियां नहीं देते।” वहीं, पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो ने कहा, “हमारी संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं होगा।”