लखनऊ, उत्तर प्रदेश: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के बच्चों को अब उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता मिलेगी। सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए प्रतिवर्ष ₹3000 की अनुदान राशि देने की घोषणा की है, जो सीधे लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य कम आय वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना है।
शिक्षा अनुदान योजना का होगा व्यापक लाभ
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के अनुसार, इस योजना का लाभ उन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के बच्चों को मिलेगा, जिनका पारिवारिक आय स्रोत सीमित है। वर्तमान में ब्लॉक स्तर पर संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में 175 कार्यकर्ता और सहायिकाएं कार्यरत हैं, जिनका मानदेय अपेक्षाकृत कम है। इन्हें शिक्षा में सहयोग देने के लिए विभाग सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान करेगा।

इस अनुदान राशि से विद्यार्थियों को किताबें, स्टेशनरी, स्कूल ड्रेस और अन्य शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।
किन्हें मिलेगी प्राथमिकता?
सरकार ने इस अनुदान योजना में कुछ प्राथमिकताएं तय की हैं:
- 50% आरक्षण विधवा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के बच्चों के लिए।
- 25% आरक्षण बालिकाओं के लिए, जिससे अधिक छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें।
- 25% आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए।
इन श्रेणियों में आने वाले लाभार्थियों के बैंक खातों में पहले अनुदान राशि हस्तांतरित की जाएगी। इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए विभाग जिलास्तर पर आंकड़ों को एकत्र कर रहा है।
डीपीओ ने दी योजना पर जानकारी
जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) रबीश्वर राव ने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप सूची संकलित की जा रही है। इसके बाद इसे निदेशालय को भेजा जाएगा, जहां से राशि सीधे कार्यकर्ताओं के खातों में स्थानांतरित की जाएगी। योजना की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कार्यकर्ताओं से उनके बच्चों का विस्तृत विवरण मांगा गया है।

22700 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की सरकार की योजना
उत्तर प्रदेश सरकार अब दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई है। पहले चरण में 22,700 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी।
ग्रामीण बच्चों को मिलेगी आधुनिक शिक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि शिक्षा क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। ग्रामीण बच्चों को भी डिजिटल शिक्षा से जोड़ना और उन्हें गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना आवश्यक है। डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से छात्रों को ई-बुक्स, डिजिटल कंटेंट और अन्य शैक्षणिक संसाधन आसानी से उपलब्ध होंगे।