वॉशिंगटन, अमेरिका: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में ट्रंप प्रशासन ने एक और बड़ा और विवादास्पद निर्णय लेते हुए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के नए प्रवेश पर रोक लगा दी है। इस फैसले का सीधा असर विश्वविद्यालय में पहले से पढ़ रहे लगभग 6,800 विदेशी छात्रों पर पड़ा है, जिनमें भारत के भी 788 छात्र शामिल हैं। यह निर्णय अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) द्वारा बीते गुरुवार को लिया गया, जिसने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) सर्टिफिकेशन को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।
फैसले का कारण: रिकॉर्ड साझा न करना बना विवाद का कारण
सूत्रों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच पिछले कुछ महीनों से विदेशी छात्रों से जुड़े मामलों पर गहरा तनाव बना हुआ था। DHS ने विश्वविद्यालय को स्पष्ट रूप से चेताया था कि यदि वह 30 अप्रैल 2025 तक विदेशी छात्रों के अवैध गतिविधियों और हिंसात्मक गतिविधियों से संबंधित पूरे रिकॉर्ड साझा नहीं करेगा, तो उसका SEVP सर्टिफिकेशन रद्द कर दिया जाएगा।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने समय सीमा से पहले कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, लेकिन प्रशासन का कहना है कि यह जानकारी अधूरी और अपूर्ण थी। इसीलिए अब यूनिवर्सिटी को 72 घंटे के अंदर सभी मौजूदा विदेशी छात्रों की पूरी जानकारी अमेरिका सरकार को सौंपनी होगी, अन्यथा यूनिवर्सिटी की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की पात्रता पूरी तरह से खत्म कर दी जाएगी।
SEVP निलंबन का प्रभाव: हजारों छात्रों को ट्रांसफर या निर्वासन का खतरा
इस निर्णय का सबसे बड़ा असर उन हजारों छात्रों पर पड़ा है जो इस समय हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत हैं। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द अमेरिका के किसी अन्य विश्वविद्यालय में ट्रांसफर लें। अन्यथा उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है। छात्रों और अभिभावकों के बीच इस फैसले से असमंजस और आक्रोश का माहौल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हार्वर्ड SEVP सर्टिफिकेशन फिर से हासिल नहीं कर पाता है, तो आने वाले शैक्षणिक सत्र 2025-26 में विदेशी छात्रों के लिए यह विश्वविद्यालय पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की प्रतिक्रिया
हार्वर्ड प्रशासन की ओर से एक संक्षिप्त बयान में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी हमेशा से अमेरिकी कानून का पालन करती आई है और वह छात्रों की सुरक्षा व निजता का पूरा ध्यान रखते हुए प्रशासन को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छात्रों के संवेदनशील डेटा को लेकर उनकी अपनी नीति है, जो सीधे ट्रंप प्रशासन के साथ टकराव का कारण बन गई है।

DHS की भूमिका और अधिकार
DHS के अधीन आने वाला SEVP ही वह प्राधिकरण है जो अमेरिकी विश्वविद्यालयों को विदेशी छात्रों के लिए I-20 फॉर्म जारी करने की अनुमति देता है, जो F-1 वीजा का आधार होता है। इस प्रमाणन के बिना कोई भी विश्वविद्यालय विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकता। इसीलिए SEVP का निलंबन न सिर्फ हार्वर्ड के लिए, बल्कि अमेरिका के उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है।