नीदरलैंड: नीदरलैंड इस समय एक गंभीर राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। जुलाई 2024 में बनी चार दलों की गठबंधन सरकार सिर्फ 11 महीने ही चल सकी। देश की दक्षिणपंथी पार्टी पीवीवी (PVV) ने अप्रत्याशित रूप से गठबंधन से हटने का ऐलान कर दिया, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई। इसके चलते प्रधानमंत्री डिक शूफ (Dick Schoof) ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाकर औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंप दिया।
प्रधानमंत्री डिक शूफ का बयान
प्रधानमंत्री शूफ ने कहा,
“हम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिनसे निपटने के लिए मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है।”
प्रधानमंत्री का यह बयान स्पष्ट करता है कि शरणार्थी नीति को लेकर सरकार के भीतर मतभेद लंबे समय से बढ़ते जा रहे थे।

प्रवासियों की नीति बनी विवाद की वजह
पीवीवी प्रमुख गीर्ट विल्डर्स (Geert Wilders) ने कहा कि सरकार शरणार्थी संकट को लेकर कोई ठोस नीति नहीं बना पा रही थी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह प्रवासियों पर सख्ती बरतने में विफल रही।
विल्डर्स ने कहा,
“सरकार की नीति कमजोर हो गई है। हमने सरकार को समर्थन इसलिए दिया था ताकि प्रवासियों के मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई हो सके, लेकिन अब हम इससे पीछे हटते हैं।”
पीवीवी ने हाल ही में 10 सूत्रीय सख्त प्लान भी प्रस्तावित किया था, जिसमें शामिल था:
- शरणार्थियों की आवाजाही को रोकना
- सीरियाई शरणार्थियों को वापस भेजना
- सीमाओं की निगरानी के लिए सेना की तैनाती
- वीज़ा नीति को सख्त करना
दोबारा चुनाव की संभावना
पीवीवी के इस कदम के बाद नीदरलैंड में पुनः आम चुनाव की संभावना प्रबल हो गई है। सरकार के अल्पमत में आ जाने से संसदीय प्रक्रिया अवरुद्ध हो सकती है, जिससे अस्थिरता और बढ़ सकती है।

पीवीवी की राजनीतिक ताकत
गौरतलब है कि नवंबर 2023 में हुए संसदीय चुनावों में पीवीवी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हालांकि, विल्डर्स स्वयं सरकार का हिस्सा नहीं बने थे और उन्होंने बाहरी समर्थन देने का विकल्प चुना था। पीवीवी को यूरोप की सबसे कट्टर दक्षिणपंथी पार्टियों में गिना जाता है।
अंतरराष्ट्रीय चर्चा: नूपुर शर्मा को समर्थन
गीर्ट विल्डर्स पहले भी भारत में हुए नूपुर शर्मा विवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ चुके हैं। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा था:
“नूपुर शर्मा से बहुत अच्छी बातचीत हुई। वह न केवल भारत बल्कि पूरे स्वतंत्र विश्व के लिए स्वतंत्रता का प्रतीक हैं।”
विल्डर्स ने नूपुर शर्मा की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा की वकालत करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ की गई कानूनी कार्यवाही अनुचित है।