झुंझुनूं, 25 मई 2025: देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले बलिदानियों और सेवारत सैनिकों के परिजनों को सम्मान और सहयोग देना प्रशासन की प्राथमिकता में शामिल है। इसी क्रम में झुंझुनूं जिला प्रशासन ने वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक बलिदानी और रक्षा कार्मिकों के कुल 11 आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देकर राहत पहुंचाई है। यह कार्य जिला कलक्टर रामावतार मीणा के नेतृत्व में त्वरित गति से संपन्न हुआ, जिसमें मानवीय संवेदनाएं और कर्तव्यनिष्ठा स्पष्ट झलकती है।
कलक्टर मीणा ने बताया कि इन नियुक्तियों में 8 को कनिष्ठ सहायक, 1 को वाहन चालक, 1 को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और 1 को पटवारी पद पर नियमानुसार नियुक्ति दी गई है। जिला प्रशासन द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया को प्राथमिकता पर रखते हुए सभी औपचारिकताएं शीघ्रता से पूर्ण कराई गईं।

झुंझुनूं: देश को सर्वाधिक बलिदानी देने वाला जिला
झुंझुनूं जिला भारतीय सेना में योगदान और बलिदान के लिए देशभर में विशेष पहचान रखता है। अब तक जिले के 485 सैनिक राष्ट्र की रक्षा में बलिदान दे चुके हैं। कारगिल युद्ध में भी यहां के 18 वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी। जिले के सैनिकों को अब तक परमवीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और अन्य कुल 117 सैन्य सम्मान मिल चुके हैं। नवलगढ़ क्षेत्र के भगेरा गांव निवासी हवलदार बसंताराम धाबाई को आजाद भारत का पहला वीर चक्र प्रदान किया गया था।
यह देखते हुए जिला प्रशासन ने कलेक्ट्रेट परिसर में सैन्य आश्रितों की समस्याओं के समाधान के लिए एक पृथक प्रकोष्ठ का गठन किया है। इस सेल के माध्यम से आश्रितों की भूमि विवाद, विद्युत कनेक्शन, पेयजल, साफ-सफाई जैसे विषयों पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले आश्रितों में संजिता (अमित कुमार मेहता की पत्नी), राहुल कुमार (जगवीर सिंह के पुत्र), साहिल बलवदा (संजय कुमार के पुत्र), मोनिका (प्रदीप पूनियां की आश्रिता), संदीप कुमार यादव (रघुवीर सिंह के आश्रित), सुभिता (बलिदानी रोहिताश्व कुमार की आश्रिता), विकास कुमार (वीरेन्द्र कुमार के आश्रित), निमित कुमार भाम्बू (अनिल के पुत्र), आयुष (विकास के आश्रित), रामकिशन (बलिदानी ताराचन्द के आश्रित) और अंकित कुमार (सत्यवीर सिंह बुडानिया के आश्रित) शामिल हैं।

रामावतार मीणा ने 7 सितंबर 2024 को झुंझुनूं में जिला कलक्टर का कार्यभार संभाला और अब तक 260 दिन के कार्यकाल में एक दिन का भी अवकाश नहीं लिया। वे प्रतिदिन सुबह 9:30 बजे से रात 8 बजे तक कार्यालय में रहकर जन समस्याओं के समाधान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। अवकाश के दिन भी वे परिवादियों से मिलकर समस्याओं का निस्तारण करवाते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे पूरी निष्ठा से निभाना ही उनका कर्तव्य है।
झुंझुनूं जिले के लोगों को न्याय, सुशासन और संवेदनशील प्रशासन देने के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे ये प्रयास समाज में सकारात्मक संदेश दे रहे हैं।