झुंझुनू, 4 जून 2025: वसुंधरा नगर में पुलिस ने एक मकान पर दबिश देकर आईपीएल मैच के दौरान चल रहे ऑनलाइन सट्टे के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर 10,40,350 रुपये नकद, 29 मोबाइल फोन, लैपटॉप, एलईडी, वाईफाई राउटर, स्पीकर, रजिस्टर और अन्य सट्टा सामग्री बरामद की गई है। पुलिस को इस सट्टा गिरोह से लगभग तीन करोड़ रुपये का सट्टा हिसाब प्राप्त हुआ है।

यह कार्रवाई कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह राजावत के निर्देश पर, झुंझुनूं शहर वृत्ताधिकारी वीरेंद्र कुमार शर्मा के निकट पर्यवेक्षण में की गई। थाना कोतवाली के थानाधिकारी हरजिंद्र सिंह, एजीटीएफ प्रभारी विक्रम सिंह और क्यूआरटी टीम के संयुक्त प्रयासों से यह सफलता मिली।
घटना की जानकारी 3 जून 2025 की रात को उस समय सामने आई जब कोतवाली थाना के उप निरीक्षक प्यारेलाल अपनी टीम के साथ गश्त पर थे। इसी दौरान एजीटीएफ के विक्रम सिंह ने सूचना दी कि वसुंधरा नगर में अनिल श्योराण के मकान पर कुछ लोग आईपीएल मैच के दौरान ऑनलाइन सट्टा लगा रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने मकान पर दबिश दी और मकान की दूसरी मंजिल पर पहुंची, जहां पंजाब किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच चल रहे मैच की आवाज सुनाई दे रही थी।
कमरे में तीन व्यक्ति लैपटॉप व मोबाइल के माध्यम से सट्टा लगा रहे थे। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम अनिल कुमार निवासी डाबली की ढाणी, थाना हमीरवास जिला चुरू; जितेंद्र निवासी बिबासर, थाना सदर झुंझुनूं; और इंतिजार अली निवासी क्यामसर, थाना धनूरी, जिला झुंझुनूं बताया। ये लोग लैपटॉप पर मैच के आंकड़े देखकर मोबाइल पर सट्टे के भाव दे रहे थे और रजिस्टरों में हिसाब दर्ज कर रहे थे।
मौके से पुलिस ने एक लैपटॉप, चार्जर, 29 मोबाइल, दो कैलकुलेटर, दो एलईडी, एक वाईफाई राउटर, एक स्पीकर, दस लाइनदार रजिस्टर, पांच डायरियां, आठ मोबाइल चार्जर, एक बिजली बोर्ड, एक पेन और 10,40,350 रुपये नकद बरामद किए। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे जुम ऐप के जरिए आपस में संपर्क करते थे और वाईफाई राउटर के माध्यम से सट्टा संचालित करते थे, जिसमें सिम कार्ड की आवश्यकता नहीं होती।

पुलिस ने पाया कि आरोपी मैच के संभावित परिणामों के आधार पर लोगों से संपर्क कर उन्हें सट्टा लगाने के लिए प्रेरित करते थे और ऐप्स व संचार माध्यमों का दुरुपयोग कर आर्थिक लाभ प्राप्त करते थे। तीनों आरोपियों को बीएनएस और जुआ अधिनियम की विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार कर सट्टा सामग्री जब्त की गई और आगे की जांच जारी है।
यह कार्रवाई कोतवाली थाना व एजीटीएफ टीम के समन्वित प्रयास से संभव हो सकी, जिसमें विक्रम सिंह, प्यारेलाल, ओमप्रकाश, व अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका उल्लेखनीय रही।