आगरा, उत्तर प्रदेश: सिकंदरा क्षेत्र के नगला नाथू गांव में मंगलवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे गांव और आसपास के इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया। गर्मी की छुट्टियों में गांव घूमने आईं छह किशोरियां यमुना नदी में नहाते समय डूब गईं। बताया जा रहा है कि नहाने से पहले इन लड़कियों ने अपने मोबाइल से रील (वीडियो) बनाई थी, जो उनके जीवन की अंतिम स्मृति बन गई।

कैसे हुआ हादसा?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह 12 से 15 वर्ष की उम्र की छह किशोरियां यमुना नदी के एक असुरक्षित घाट पर नहाने गई थीं। नहाते समय वे मस्ती करते हुए नदी की बीच धार में चली गईं और एक गहरे भंवर में फंस गईं।
घटना के वक्त पास ही मौजूद कुछ अन्य बच्चों ने चीख-पुकार मचाई और गांववालों को घटना की सूचना दी। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। सिकंदरा पुलिस मौके पर पहुंची और गोताखोरों को बुलाया गया।
गोताखोरों ने की तलाश, नहीं बच सकीं जानें
स्थानीय स्तर पर गोताखोरों ने तुरंत खोजबीन शुरू की, लेकिन देर हो चुकी थी। मौके पर पहुंची PAC की गोताखोर टीम और स्टीमर की मदद से करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद छह किशोरियों को यमुना से बाहर निकाला गया।
चार लड़कियों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि दो अन्य को गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मृत्यु हो गई।
तीन सगी बहनें, तीन चचेरी-फुफेरी बहनें
मृतकों में तीन लड़कियां एक ही परिवार की थीं, जबकि तीन अन्य उनकी रिश्तेदार (चचेरी और फुफेरी बहनें) थीं। वे गर्मी की छुट्टियों में गांव आई हुई थीं और इस हादसे ने उनके परिवार को हमेशा के लिए तोड़ दिया।
मृतक किशोरियों की पहचान इस प्रकार बताई गई है:
- पायल (15 वर्ष)
- नेहा (13 वर्ष)
- गुड़िया (12 वर्ष)
- रचना (14 वर्ष)
- सोनम (13 वर्ष)
- काजल (12 वर्ष)

नहीं था सुरक्षित घाट, प्रशासन की लापरवाही उजागर
स्थानीय लोगों ने बताया कि जहां लड़कियां नहाने गई थीं, वहां यमुना नदी का कोई सुरक्षित घाट नहीं है और न ही किसी प्रकार की चेतावनी बोर्ड लगे हुए थे। यह जगह अक्सर बच्चों व ग्रामीणों के लिए एक असुरक्षित स्थल बन चुकी है, बावजूद इसके प्रशासन ने कोई सुरक्षा उपाय नहीं किए।