अमेरिका: वॉशिंगटन में आयोजित ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ कार्यक्रम के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार समझौतों को लेकर कई बड़े संकेत दिए। उन्होंने घोषणा की कि अमेरिका ने चीन के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और जल्द ही भारत के साथ भी एक “बहुत बड़ी डील” करने की संभावना है।
ट्रंप ने अपनी बात की शुरुआत इस दावे से की कि हाल ही में जो व्यापारिक समझौता चीन के साथ हुआ है, वह अब तक के सबसे सफल समझौतों में से एक है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के साथ भी एक ऐसा ही समझौता जल्द होने जा रहा है। उनके अनुसार, “हर कोई हमारे साथ डील करना चाहता है। याद कीजिए कुछ महीने पहले तक मीडिया यह सवाल उठा रही थी कि क्या वाकई कोई देश अमेरिका के साथ व्यापार में दिलचस्पी रखता है?”
ट्रंप ने आगे कहा, “हम हर देश के साथ डील नहीं करेंगे। कुछ को हम केवल धन्यवाद पत्र भेजेंगे और कहेंगे कि आपको 25, 35 या 45 प्रतिशत शुल्क देना होगा। यह सबसे आसान तरीका है, लेकिन मेरी टीम चाहती है कि हम समझौते करें। हालांकि वे मुझसे ज्यादा समझौतों के पक्ष में हैं।”
भारत को लेकर ट्रंप ने कहा कि अमेरिका उसके लिए व्यापार के दरवाजे खोलने जा रहा है और यह दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा होगा। वहीं चीन के संदर्भ में उन्होंने बताया कि चीन के लिए भी ऐसे द्वार खोले गए हैं, जिनकी पहले कभी कल्पना नहीं की गई थी। हालांकि उन्होंने चीन के साथ हुए समझौते की गहराई में नहीं जाते हुए इसकी बारीकियों को साझा नहीं किया।
बाद में व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह समझौता चीन से अमेरिका को रेयर अर्थ शिपमेंट्स की आपूर्ति में तेजी लाने पर केंद्रित है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और चीन ने जिनेवा समझौते के कार्यान्वयन के लिए एक अतिरिक्त रूपरेखा पर सहमति जताई है। इस समझौते का उद्देश्य उन देरी को दूर करना है जो चीन द्वारा लगाए गए खनिजों और चुम्बकीय उत्पादों के प्रतिबंधों के कारण हो रही थीं। यह प्रतिबंध विशेष रूप से अमेरिकी ऑटोमोटिव, रक्षा और तकनीकी उद्योगों पर प्रभाव डाल रहे थे।
ट्रंप ने यह भी दोहराया कि अमेरिका अब हर देश के साथ समझौते नहीं करेगा, बल्कि वह केवल उन्हीं देशों के साथ व्यापार करेगा जिनके साथ अमेरिका के हितों का तालमेल स्पष्ट रूप से बैठता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देगा और रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाते हुए आगे बढ़ेगा।
इस बयान के बाद भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में संभावित प्रगति को लेकर नई उम्मीदें जागी हैं। आने वाले महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापारिक बातचीत की गति तेज होने की संभावना जताई जा रही है।