आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीतिक कुशलता और निर्णायक नेतृत्व की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने इसे केंद्र सरकार की बड़ी कूटनीतिक और सैन्य सफलता करार दिया और मोदी को “वैश्विक नेता” की संज्ञा दी।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना द्वारा 7 मई 2025 को लॉन्च किया गया एक प्रतिउत्तर सैन्य अभियान है, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अंजाम दिया गया। इस हमले में कई निर्दोष पर्यटक मारे गए थे, जिनमें कुछ को उनकी पत्नियों के सामने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस जवाबी कार्रवाई को “सिंदूर” नाम दिया – एक ऐसा नाम जो भारतीय नारी की गरिमा और संवेदना का प्रतीक माना जाता है।
इस अभियान के तहत भारत ने पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। जवाब में पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनका भारत ने भी कठोर जवाब दिया। अंततः दोनों देशों ने सीमा पर शांति बहाल करने पर सहमति जताई।
चंद्रबाबू नायडू बोले – “यह मोदी सरकार की 100% उपलब्धि”
आजतक के साथ विशेष बातचीत में चंद्रबाबू नायडू ने कहा –
“100 प्रतिशत, यह (ऑपरेशन सिंदूर) मोदी सरकार की उपलब्धि है। कोई अन्य नेता इतनी सटीकता और कुशलता से यह नहीं कर सकता था।”
नायडू ने कहा कि इस अभियान को केवल 20 मिनट में अंजाम दिया गया और कोई भी नागरिक या रक्षा प्रतिष्ठान क्षतिग्रस्त नहीं हुआ, जो कि एक मिलिट्री ऑपरेशन में दुर्लभ बात है।
पीएम मोदी की बुद्धिमत्ता और वैश्विक नेतृत्व की प्रशंसा
नायडू ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कुशलता से युद्ध में तब्दील होने से रोका। उन्होंने कहा –
“अगर यह संघर्ष लंबा खिंचता, तो हमें भारी नुकसान हो सकता था। लेकिन मोदी जी ने बुद्धिमानी से इसे रोका। वह वैश्विक मंच पर भारत का गौरव बन चुके हैं।”

अमेरिकी दबाव के आरोपों को नकारा
राहुल गांधी के इस आरोप पर कि भारत ने अमेरिका के दबाव में आकर ऑपरेशन रोक दिया, नायडू ने स्पष्ट कहा –
“हमें किसी के सामने आत्मसमर्पण करने की आवश्यकता नहीं है। ट्रंप को कोई नियंत्रित नहीं कर सकता। लेकिन मोदी जी ने जो निर्णय लिया, वह भारत की समझदारी की जीत है।”
वक्फ अधिनियम पर नायडू का पक्ष
वक्फ अधिनियम को लेकर उठे विवादों पर चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा करता है, और इसका उद्देश्य पारदर्शिता व जवाबदेही को सुनिश्चित करना है।
उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) सभी धर्मों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी सरकार ने 13 जिलों में उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा घोषित किया था। विपक्षी दल कांग्रेस और AIMIM इस अधिनियम को असंवैधानिक बताकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुके हैं।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का किया समर्थन
चंद्रबाबू नायडू ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की नीति का भी समर्थन किया और कहा कि बार-बार चुनावों से प्रशासन प्रभावित होता है। उन्होंने कहा –
“हर पांच साल में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव होना चाहिए। इससे शासन व्यवस्था में स्थिरता और योजनाओं के क्रियान्वयन में गति आती है।”
उन्होंने हाल के उदाहरण देते हुए बताया कि महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में एक ही साल में दो बार चुनाव हुए, जिससे प्रशासन ठप हो गया।