नई दिल्ली: दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू न करने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री आतिशी ने स्पष्ट किया कि इस योजना में शामिल कई मानदंड और सीमाएं इसे दिल्लीवासियों के लिए अनुकूल नहीं बनाते। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पहले से ही सभी नागरिकों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त और व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है, जिनमें किसी भी प्रकार की आर्थिक या सामाजिक पृष्ठभूमि का भेदभाव नहीं है।
आयुष्मान भारत योजना की सीमाएं: आतिशी की व्याख्या
आतिशी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत केवल उन्हीं परिवारों को लाभ मिलता है जो योजना द्वारा निर्धारित मापदंडों को पूरा करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी परिवार के पास दोपहिया वाहन, पक्का मकान, या घर में टीवी है, तो वे इस योजना के लाभ से वंचित हो सकते हैं। इसके विपरीत, दिल्ली सरकार के अस्पतालों में यह भेदभाव नहीं होता, और हर नागरिक को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है, चाहे वह गरीब हो या अमीर।
उन्होंने यह भी बताया कि आयुष्मान योजना में परिवार को प्रति वर्ष केवल 5 लाख रुपये तक के इलाज का ही लाभ मिलता है। यदि किसी मरीज का इलाज 10 लाख रुपये का होता है, तो शेष 5 लाख रुपये का खर्च मरीज को स्वयं वहन करना होगा। दूसरी ओर, दिल्ली सरकार के अस्पतालों में इलाज चाहे 5 लाख रुपये का हो, 10 लाख का हो या 50 लाख का, मरीज को एक भी पैसा खर्च नहीं करना पड़ता।
आयुष्मान योजना में “बहुत सारे एक्सक्लूजन”
आतिशी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में कई “एक्सक्लूजन” यानी अपवाद हैं, जो इसे हर व्यक्ति के लिए उपयोगी नहीं बनाते। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य योजना में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। “दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इलाज की सभी सुविधाएं मुफ्त हैं। अगर आयुष्मान भारत योजना लागू होती है, तो इन सुविधाओं को हटाना होगा, जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते। यही कारण है कि इस योजना को लागू करने को लेकर दुविधा बनी हुई है।”
दिल्ली हाईकोर्ट में मामला दर्ज
आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। अदालत ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, और उपराज्यपाल कार्यालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने मामले को 11 दिसंबर 2024 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
अदालत ने नोट किया कि आयुष्मान भारत योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना है, जो 70 वर्षीय वरिष्ठ नागरिकों सहित गरीब और वंचित परिवारों को 5 लाख रुपये तक का बीमा लाभ प्रदान करती है। हालांकि, दिल्ली अब तक इस योजना को लागू न करने वाला एकमात्र प्रदेश है।