राजस्थान शिक्षा विभाग द्वारा जयपुर के होटल रमाडा में राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम विषय के तहत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नवाचार करने वाले जिले के चार शिक्षाविदों को “राजस्थान के शिक्षक सितारे” अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
जिले से मंडावा ब्लॉक के सीबीईओ जयदीप झाझड़िया, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय देवरोड़ से शारीरिक शिक्षक जय सिंह धनखड़, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अंग्रेजी माध्यम लालपुर से शिक्षक राजेश झाझड़िया और पाली जिले में कार्यरत किशोरपुरा झुंझुनूं निवासी रविता डारा का शिक्षक सितारे के रूप में चयन किया गया। चयनित सभी शिक्षकों को शिक्षा शासन सचिव नवीन जैन एवं RKSMBK राज्य नोडल अधिकारी अरुण शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया ।
जानिए क्या है शिक्षक सितारे सम्मान
शिक्षकों के शिक्षण आधारित नवाचारों को दुनिया के सामने लाने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राजस्थान के शिक्षक सितारे कार्यक्रम की पहल की है। इस कार्यक्रम के माध्यम से राजकीय विद्यालयों में दक्षता आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने और शिक्षकों में दक्षता आधारित शिक्षण के प्रति समझ विकसित की जा सकेगी। शिक्षक सितारे सम्मान के लिए शिक्षकों ने अपना दो मिनट का वीडियो तैयार कर अपलोड किया था जिसका विशेषज्ञों के पैनल द्वारा दक्षता की मूल अवधारणा की स्पष्टता, शैक्षणिक अनुप्रयोग और समग्र प्रभावशीलता जैसे मानदंडों के आधार पर मूल्यांकन किया गया था।
साथी शिक्षकों ने भी वीडियो पर वोट किए थे
जानकारी के अनुसार शिक्षण वीडियो के निर्माण में उत्तम प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों का अगले चरण के लिए चयन किया गया था। चयनित वीडियो राज्य के सभी शिक्षकों के साथ साझा किये गए थे, जिससे वे अपने पसंदीदा वीडियो को देखकर मतदान के माध्यम से उनमें से श्रेष्ठ वीडियो का चयन कर सकें। सहकर्मियों के मतदान के आधार पर चयनित शिक्षक को दोबारा वीडियो शूट करने के लिए निदेशालय बुलाया गया। शिक्षकों द्वारा अर्जित उपलब्धियों की सराहना के लिए समारोह का आयोजन कर चयनित शिक्षकों को प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया है।
विशिष्ट दक्षता के आधार पर सम्मानित हुए शिक्षक
राजस्थान के शिक्षक सितारे कार्यक्रम में सम्मानित होने के लिए शिक्षकों ने कक्षावार-विषयवार और दक्षतावार वीडियो बनाए थे। इसमें उन्होंने किसी विशिष्ट दक्षता के माध्यम से अपनी नवीन शिक्षण विधियों, प्रभावी पाठ योजनाओं और आकर्षक शिक्षण रणनीतियों का प्रदर्शन किया था। विशेषज्ञों के एक पैनल ने उन्हें अलग-अलग मानदंडों पर परखने के बाद चुनिंदा शिक्षकों को अगले चरण के लिए चयनित किया था। शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया में भाग लेने की जानकारी स्कूलों में साझा की थी और सोशल मीडिया पर भी इसका प्रचार-प्रसार किया गया था।