नई दिल्ली: लोकसभा में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा पेश किए गए वक्फ संशोधन बिल को अब जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (जेपीसी) के पास भेज दिया गया है। इस बिल के खिलाफ विपक्षी पार्टियों द्वारा जोरदार विरोध जताया जा रहा है। इस विरोध के बीच, भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा वक्फ बोर्ड में सुधार के लिए मुस्लिम समुदाय से सुझाव मांगने की योजना बना रहा है।
सात सदस्यीय टीम की नियुक्ति
सूत्रों के अनुसार, वक्फ बोर्ड के विभिन्न प्रदेशों के अध्यक्षों को शामिल करते हुए भाजपा ने सात सदस्यीय एक टीम गठित की है। इस टीम का उद्देश्य देशभर के अल्पसंख्यक समुदाय से उनके विचार जानना और उनकी चिंताओं को दूर करना है। टीम में उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, और गुजरात में वक्फ बोर्ड के प्रमुख शादाब शम्स, सनवर पटेल, और मोहसिन लोखंडवाला, तथा हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक जाकिर हुसैन शामिल हैं।
भाजपा के एक नेता ने कहा, “हम इस बात का ध्यान रखेंगे कि समिति को सभी सुझावों से अवगत कराया जाए। यदि विधेयक के किसी भी पहलू पर कोई चिंता है, तो हम उसे भी सामने लाएंगे। लेकिन, हमें लगता है कि वक्फ बोर्ड में सुधार की आवश्यकता हर जगह महसूस की जा रही है।”
संसदीय समिति के साथ साझा की जाएगी रिपोर्ट
अल्पसंख्यक मोर्चा अपनी रिपोर्ट को भाजपा नेतृत्व और वरिष्ठ पार्टी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के साथ साझा करेगा। भाजपा नेतृत्व ने मोर्चा प्रमुख जमाल सिद्दीकी को निर्देश दिया है कि वे देशभर के मुसलमानों से संपर्क कर वक्फ अधिनियम में सुधार के पक्ष में माहौल बनाएं। इसका उद्देश्य विभिन्न वक्फ बोर्ड के कामकाज को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाना है।
मुख्य मुस्लिम संगठनों का विरोध
जमीयत उलेमा-ए-हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक का तीखा विरोध किया है। उनका कहना है कि यह विधेयक उनकी धार्मिक प्रथाओं के खिलाफ है और संविधान का उल्लंघन करता है।