नई दिल्ली: सरकार ने 2026-27 में रिटायर होने वाले पहले बैच के अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में समायोजित करने की योजना पर काम तेज कर दिया है। यह योजना उन अग्निवीरों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो सेना में स्थायी रूप से समायोजित नहीं हो पाएंगे। अनुमान है कि पहले बैच में शामिल करीब 42% अग्निवीरों को विभिन्न सरकारी विभागों और अर्धसैनिक बलों में नियुक्ति दी जाएगी। यह कदम इन जवानों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के साथ ही देश के विभिन्न सुरक्षा बलों में उनका योगदान बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
अग्निवीरों की मौजूदा स्थिति
अग्निवीर योजना के तहत 2022 में पहले बैच में लगभग 1 लाख जवानों को भर्ती किया गया था। इनमें से करीब 25,000 जवानों को सेना में नियमित रूप से नियुक्त किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि शेष 75,000 जवान, जो सेना में स्थान नहीं पा सकेंगे, उन्हें अन्य सरकारी मंत्रालयों या विभागों में समायोजित करने की योजना पर काम चल रहा है। विशेष रूप से अर्धसैनिक बलों जैसे सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी जैसी इकाइयों में भी अग्निवीरों को तैनात करने की संभावना जताई जा रही है।
42% अग्निवीरों को मिलेगी सरकारी नौकरी
इस योजना के अंतर्गत, पहले बैच के रिटायर्ड अग्निवीरों में से लगभग 42%, यानी 31,500 जवानों को सरकारी विभागों में नौकरी मिलेगी। यह सरकार की ओर से इन जवानों को एक स्थिर और सुरक्षित करियर प्रदान करने की दिशा में एक अहम पहल है। इन नौकरियों में पुलिस बल, अर्धसैनिक बल और अन्य सरकारी सेवाओं में नियुक्तियां शामिल होंगी। इससे न केवल अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि उनकी सेवाओं और कौशल का भी लाभ विभिन्न सरकारी संस्थानों को मिल सकेगा।
वायु सेना में भी होगा समायोजन
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भी हाल ही में अपनी इच्छा जाहिर की थी कि 25% से अधिक अग्निवीरों को वायु सेना में शामिल किया जाए। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि अग्निवीरों के लिए केवल सेना ही नहीं, बल्कि अन्य सुरक्षा बलों में भी समायोजन के अवसर उपलब्ध होंगे। यह पहल युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में करियर के नए द्वार खोलने का अवसर प्रदान करेगी।