उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा अध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बताया है। उन्होंने इस आयोजन को न केवल आस्था का प्रतीक बल्कि प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण बताया। लखनऊ में आज आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के धार्मिक पर्यटन से उत्तर प्रदेश की जीडीपी में होने वाले लाभ पर भी अपनी बात रखी।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि अब तक संगम में 53 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। उन्होंने कहा, “महाकुंभ एक ऐतिहासिक और अद्भुत आयोजन बन चुका है, जिसे पूरी दुनिया ने देखा है। अब तक 53 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। यह आस्था का सम्मान है और हमें आस्था को सम्मान देना चाहिए।”
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महाकुंभ से 3.50 लाख करोड़ रुपये का फायदा
सीएम योगी ने महाकुंभ के धार्मिक पर्यटन से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ के कारण प्रयागराज और उत्तर प्रदेश की जीडीपी में लगभग 3.25 से 3.50 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी होने वाली है।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि महाकुंभ के दौरान अब भी श्रद्धालु लगातार संगम में स्नान करने के लिए आ रहे हैं। संगम से लेकर हर सड़क, बस और रेलवे स्टेशन श्रद्धालुओं की भीड़ से भरे हुए हैं। उनका अनुमान है कि महाकुंभ के समापन तक यह संख्या 60 करोड़ तक पहुंच सकती है। इससे यह सिद्ध होता है कि धार्मिक पर्यटन से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी है।
विकास कार्यों पर विपक्ष का विरोध
मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर विपक्षी दलों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि विरोधी दलों ने हमेशा विकास कार्यों का विरोध किया है। “अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण का विरोध किया गया, काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का विरोध किया गया। विकास कार्यों के लिए इच्छाशक्ति होनी चाहिए, तभी असली विकास संभव है।”
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सीएम ने स्पष्ट किया कि अगर राज्य सरकार ने 7,500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और इससे अर्थव्यवस्था में 3 से 3.5 लाख करोड़ रुपये का लाभ हो रहा है, तो यह एक उचित और लाभकारी निवेश है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ जैसी धार्मिक और सांस्कृतिक घटनाएं राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं, और यह दुनिया भर में उत्तर प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं।
धार्मिक पर्यटन से जुड़ी योजनाओं का भविष्य
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में धार्मिक पर्यटन को उत्तर प्रदेश की जीडीपी से जोड़ते हुए भविष्य में इस क्षेत्र को और अधिक विस्तारित करने की बात की। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य धार्मिक स्थलों की सुविधाओं को और बेहतर बनाना है, ताकि पर्यटकों को एक सुलभ और स्मरणीय अनुभव मिल सके।
महाकुंभ के माध्यम से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के मुख्यमंत्री के प्रयासों से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि प्रदेश के लिए एक स्थिर और दीर्घकालिक आर्थिक विकास की राह भी खुलेगी।