पुणे, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पुणे एयरपोर्ट का नाम बदलकर ‘जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज एयरपोर्ट’ रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक फैसला एक कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की। इस फैसले को अब केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा, जहां से अंतिम स्वीकृति मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है।
तुकाराम महाराज के नाम पर एयरपोर्ट का नाम क्यों?
पुणे एयरपोर्ट के नए नामकरण के पीछे एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक पृष्ठभूमि है। नागरिक उड्डयन और सहयोग राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोले ने इस निर्णय के पीछे का कारण स्पष्ट करते हुए बताया कि संत तुकाराम महाराज का जन्म पुणे के पास स्थित लोहेगांव में हुआ था, जहां पुणे इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी स्थित है। तुकाराम महाराज ने अपना अधिकांश समय यहीं व्यतीत किया और वर्कारी संप्रदाय के माध्यम से धर्म और समाज सुधार में अपना अमूल्य योगदान दिया।
मुरलीधर मोहोले ने अपने एक्स पोस्ट (पूर्व में ट्विटर) में लिखा, “लोहेगांव और जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज का संबंध बहुत गहरा है। वर्कारी संप्रदाय के अनुयायियों और स्थानीय जनता की लंबे समय से यह मांग रही है कि पुणे एयरपोर्ट का नाम तुकाराम महाराज के नाम पर रखा जाए। इस कदम से पुणे की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी पहचान मिलेगी।”
तुकाराम महाराज ने अपने भजनों और अभंगों के माध्यम से भगवान के भक्ति मार्ग पर जोर दिया और समाज में भक्ति, सदाचार और सेवा के संदेश को फैलाया। उनके योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है।
कैबिनेट की सहमति और अगला कदम
महाराष्ट्र की कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार समेत कई वरिष्ठ मंत्रियों ने इस प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में निर्णय लिया गया कि पुणे एयरपोर्ट का नाम बदलकर ‘जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज एयरपोर्ट’ किया जाएगा।
अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। मंत्री मुरलीधर मोहोले ने इस संबंध में कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि केंद्र सरकार भी इस प्रस्ताव को गंभीरता से लेगी और जल्दी ही इसे मंजूरी मिलेगी। नाम बदलने की प्रक्रिया में कुछ तकनीकी औपचारिकताएं हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।”