नई दिल्ली: देश को लंबे समय से जनगणना की प्रतीक्षा थी, और अब वह समय आ गया है जब यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया फिर से शुरू होने जा रही है। गृह मंत्रालय ने 17 जून को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें जनगणना और जातिगत जनगणना (Caste Census) दोनों को एक साथ करने की आधिकारिक घोषणा की गई है।
यह निर्णय भारत के सामाजिक ताने-बाने, योजनाओं के वितरण और आरक्षण नीति के पुनर्निर्धारण में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
कोरोना के कारण रुकी प्रक्रिया अब 2025 में होगी शुरू
भारत में हर 10 साल में एक बार जनगणना होती है। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, जबकि 2021 की जनगणना कोरोना महामारी के चलते टाल दी गई थी। अब यह प्रक्रिया 2025 में शुरू होगी और इसका पहला चरण अक्टूबर 2026 तक, जबकि अंतिम चरण मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा।

जनगणना की संदर्भ तिथि:
- शेष भारत के लिए: 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि
- कठिन भौगोलिक क्षेत्रों (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड) के लिए: 1 अक्टूबर 2026
दो चरणों में होगी जनगणना प्रक्रिया
- हाउसिंग सेंसस (आवास गणना):
इसमें मकानों की स्थिति, सुविधा, स्वामित्व, पेयजल, शौचालय, बिजली, रसोई, वाहनों आदि की जानकारी एकत्रित की जाएगी। - पॉपुलेशन सेंसस (जनसंख्या गणना):
इस चरण में प्रत्येक व्यक्ति के नाम, आयु, लिंग, शिक्षा, रोजगार, वैवाहिक स्थिति, धर्म, जाति और प्रवास जैसी जानकारी एकत्रित की जाएगी।
इस बार जनगणना प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल तकनीक पर आधारित होगी।
- एक विशेष मोबाइल ऐप विकसित किया गया है
- नागरिक Self Enumeration यानी स्व-गणना भी कर सकेंगे
- 34 लाख कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे और उन्हें दो महीने का डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा
1931 के बाद पहली बार जातिगत जनगणना
इस बार OBC, SC, ST और सामान्य वर्ग की सभी जातियों की गणना होगी। इससे पहले केवल अनुसूचित जाति और जनजातियों की जानकारी ली जाती थी।
- प्रोफॉर्मा में जाति, उप-जाति, समुदाय, शिक्षा, रोजगार, आय जैसे कॉलम जोड़े जाएंगे
- यह आंकड़े नीतिगत योजनाओं, आरक्षण, और वित्त आयोग की अनुदान प्रक्रिया में प्रयोग होंगे
जनगणना के बाद देशभर में लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होगी।
- परिसीमन आयोग का गठन 2028 तक किया जाएगा
- 33% महिला आरक्षण की योजना को परिसीमन के साथ लागू किया जा सकता है
- इससे पहले 2029 के लोकसभा चुनावों से पहले आरक्षित सीटों का निर्धारण संभव है
दक्षिण भारत के राज्यों ने आबादी कम होने की स्थिति में लोकसभा सीटों में कटौती पर चिंता जताई है। इस पर केंद्र सरकार ने भरोसा दिया है कि परिसीमन में सभी राज्यों की भावनाओं और संतुलन का ध्यान रखा जाएगा।

प्रश्नावली (प्रोफॉर्मा) में 30 से अधिक सवाल
नवीन जनगणना प्रोफॉर्मा में संभावित सवाल इस प्रकार होंगे:
- नाम, उम्र, लिंग, जन्म स्थान
- शिक्षा और रोजगार की स्थिति
- जाति, धर्म, उप-संप्रदाय
- आवासीय स्थिति, प्रवास का विवरण
- संपत्ति, वाहनों और परिवार के मुखिया से संबंध
नीतिगत बदलावों के लिए निर्णायक डेटा
जातिगत जनगणना और सामाजिक-आर्थिक डेटा से:
- OBC आरक्षण की सीमा और वर्गीकरण की संभावनाएं
- राज्यवार योजनाओं का पुनर्संयोजन
- शिक्षा, रोज़गार, आवास जैसे क्षेत्रों में लक्ष्य आधारित सुधार
- केंद्रीय योजनाओं में सटीक बजट आवंटन