चिड़ावा: शहर के विवेकानंद चौक के समीप साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश पचरंगिया मार्ग स्थित डालमियों के नोहरे में श्री रामलीला का आगाज गणेश पूजन के साथ हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीआई विनोद सामरिया, अध्यक्षता कर रहे रतेरवाल सीड्स के धीरज रतेरवाल, विशेष अतिथि समाजसेवी सत्येंद्र कौशिक, सामाजिक कार्यकर्ता सुनील सिद्दड़, परिषद संरक्षक बैजनाथ मोदी आदि ने गणेश पूजन किया जिसके बाद लीला शुरू हुई।

नारद मोह से शुरू हुई रामलीला
रामलीला के पहले दिन आयोजित नारद मोह लीला में नारद मुनि हिमालय की कंदराओं में तप करने जाते हैं। इससे घबरा कर देवराज इंद्र ने कामदेव को हिमालय पर नारद मुनि की तपस्या भंग करने के लिए भेजा परंतु वह असफल हो जाते हैं। तब देवर्षि नारद को खुद पर अहंकार हो गया। वे त्रिदेवों को अपनी कामदेव पर जीत के बारे में बताने लगे। तब उनका अंहकार तोड़ने के लिए भगवान विष्णु ने लीला रची। इसके बाद नारद एक मोहिनी के मोह में पड़ गए और उसके स्वयंवर में जाने के लिए भगवान विष्णु से हरिमुख की मांग की। स्वयंवर में जब वह पहुंचे तो वहां सभी ने उपहास किया। इसके बाद उन्होंने क्रोध में भगवान विष्णु को भी स्त्री वियोग में भटकने का श्राप दिया।
परिषद पदाधिकारियों ने किया अतिथियों का स्वागत
अतिथियों का रामलीला परिषद, चिड़ावा के अध्यक्ष प्रमोद अरड़ावतिया, सचिव सुशील पदमपुरिया, कोषाध्यक्ष सुरेश डालमिया, एडवोकेट लोकेश शर्मा, किशोर कुमार आदि ने स्वागत किया।
कलाकारों ने पहले दिन ही छोड़ी छाप
पहले दिन की लीला में नारद बने महेश धन्ना, इंद्र बने चंद्रमौली, कामदेव बने, कॉमेडियन मोतीलाल शर्मा, रमेश कोतवाल, भूपेंद्र दायमा, रावण बने संतोष अरड़ावतिया, विभीषण बने भूपेंद्र, कुंभकर्ण बने प्रवीण पलड़िया, शिलनिधि बने मदन जांगिड़, मेघनाथ बने दीपेश, शिव बने रवि भारतीय आदि ने प्रभावशाली अभिनय की छाप छोड़ी।
बारिश ने बाधित किया लीला का मंचन
हालांकि बारिश की वजह से रामलीला का मंचन बाधित हुआ, जिसके बाद लीला को बीच में ही रोक दिया गया।