वॉशिंगटन, अमेरिका: अमेरिका ने 1 अक्टूबर को इजरायल के खिलाफ ईरान द्वारा किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद ईरान के तेल और पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्रों पर नए कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि ईरानी पेट्रोलियम व्यापार में शामिल छह संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, साथ ही छह जहाजों को ब्लॉक्ड प्रॉपर्टी के रूप में चिन्हित किया गया है।
ईरानी पेट्रोलियम व्यापार पर कड़ी निगरानी
विदेश विभाग के बयान के अनुसार, ये संस्थाएँ जानबूझकर ईरान से पेट्रोलियम या पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद, बिक्री, अधिग्रहण, ट्रांसपोर्ट या मार्केटिंग जैसी महत्वपूर्ण लेन-देन में शामिल रही हैं। शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने भी इन संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसके अलावा, ट्रेजरी विभाग ने 10 अन्य संस्थाओं और 17 जहाजों को अवरुद्ध संपत्ति के रूप में पहचान की है, क्योंकि ये जहाज ईरानी पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के शिपमेंट में लगे हुए थे।
ईरानी ऊर्जा क्षेत्र को निशाना बनाते हुए कदम
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग का मानना है कि इन प्रतिबंधों का मुख्य उद्देश्य ईरान को अपने ऊर्जा उद्योग से होने वाले राजस्व को हथियारों और विध्वंसकारी गतिविधियों में निवेश करने से रोकना है। विभाग के अनुसार, ईरान अपने ऊर्जा संसाधनों से अर्जित धन का इस्तेमाल आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने और अपनी मिसाइल कार्यक्रमों को बढ़ावा देने में कर रहा है, जो कि अमेरिका और उसके मित्र देशों के लिए एक गंभीर खतरा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन का बयान
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इन प्रतिबंधों को लेकर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि ये कदम ईरान को अपने मिसाइल कार्यक्रमों पर रोक लगाने और आतंकवादी संगठनों को किसी भी प्रकार की सहायता प्रदान करने से रोकने का प्रयास है। उन्होंने कहा, “ये आतंकी संगठन अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के खिलाफ खतरा उत्पन्न करते हैं। हमारी प्राथमिकता है कि ईरान के इन प्रयासों पर अंकुश लगाया जाए ताकि मध्य-पूर्व में शांति और स्थिरता बनी रहे।”