पिलानी, 29 मई 2025: ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान पिलानी ब्लॉक की बदनगढ़ पंचायत में पीरामल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में “उमंग – समर कैंप” का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। 21 से 29 मई 2025 तक चले इस सामुदायिक शिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य बच्चों में 21वीं सदी की आवश्यक क्षमताओं, जीवन कौशल, आत्म-समझ और सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा का विकास करना था।

गतिविधियों के माध्यम से सीखा जीवन का पाठ
बदनगढ़ के आंगनबाड़ी केंद्र में आयोजित इस शिविर में 40 से अधिक बच्चों और अनेक समुदाय सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। शिविर के दौरान बच्चों को ध्यान अभ्यास, भावनाओं की पहचान, जीवन के उद्देश्य और कृतज्ञता जैसे महत्वपूर्ण विषयों को गतिविधियों के माध्यम से समझाया गया। “खुशियों का गुल्लक”, “करुणा पत्र”, “हमारा गाँव – हमारी पहचान” और “भावनाओं का रंगमंच” जैसी अनूठी गतिविधियों ने बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने, रचनात्मक रूप से सोचने और सामूहिक सहयोग का अनुभव प्रदान किया। पारंपरिक खेलों, लोककला, चित्रकारी, कहानी लेखन और नाट्य प्रस्तुतियों ने सीखने की प्रक्रिया को और भी आनंददायक बना दिया।
महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद और सामुदायिक सहयोग
शिविर के दौरान किशोरी बालिकाओं के साथ मासिकधर्म स्वच्छता जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण विषय पर भी संवाद किया गया। इस सत्र में उपयोगी जानकारी के साथ एक विशेष बुकलेट भी वितरित की गई, जिससे बालिकाओं को इस विषय पर सही जानकारी मिल सके। इसके अतिरिक्त, मूवी स्क्रीनिंग के माध्यम से बच्चों में करुणा, सहयोग और सहृदयता जैसे मानवीय मूल्यों को प्रोत्साहित किया गया, जिससे उनके अंदर सामाजिक संवेदनशीलता विकसित हो सके।
स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शरबती सैनी ने शिविर की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के शिविर बच्चों में आत्म-जागरूकता और संवाद कौशल को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने बच्चों में आत्मविश्वास और सामाजिक सहभागिता में स्पष्ट वृद्धि देखी। करुणा फेलो पूजा सैनी और अन्य कार्यकर्ताओं ने भी इस प्रयास की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे शिविरों को जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका
इस शिविर की सफलता में पीरामल फाउंडेशन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शरबती सैनी, करुणा फेलो पूजा सैनी सहित समुदाय के प्रमुख सदस्यों – अजय पारिक, रामसिंह, उम्मेद, कन्हैयालाल, रौनक, लीलाधर स्वामी, आशुतोष शर्मा, किरण पारिक, सुशिला शर्मा और मंजु शर्मा – की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनके सहयोग और सक्रिय भागीदारी से ही यह शिविर सफल हो पाया।
शिविर के अंत में सभी बच्चों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। यह शिविर बच्चों के लिए केवल एक आनंददायक शिक्षण अनुभव नहीं रहा, बल्कि यह पूरे समुदाय में शिक्षा के प्रति जागरूकता और सहभागिता की भावना को सशक्त करने का एक प्रभावी माध्यम भी बना।