टोरंटो, कनाडा: कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़ा संदेश दिया। कार्नी ने साफ शब्दों में कहा कि कनाडा कभी भी, किसी भी रूप में, संयुक्त राज्य अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा। यह टिप्पणी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा को यूएस का हिस्सा बनाने की लगातार की जा रही बातों के संदर्भ में दी गई।
ट्रंप ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को कभी-कभी कनाडा का गवर्नर तक कह दिया था, जिसके कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बना हुआ था। कार्नी का यह बयान उस संदर्भ में और भी महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने ट्रंप द्वारा किए गए दावे पर स्पष्टता देते हुए कहा कि कनाडा की संप्रभुता को किसी भी स्थिति में चुनौती नहीं दी जाएगी।

अमेरिका के साथ अच्छे संबंध की आस
मार्क कार्नी ने कहा कि अमेरिका के साथ अच्छे संबंध रखना उनकी सरकार की प्राथमिकता होगी। उन्होंने अमेरिका द्वारा कनाडाई वस्तुओं पर लगाए गए टैरिफ को अनुचित बताया और कहा कि वह इस टैरिफ का सामना करने को अपनी सरकार की प्राथमिकता मानते हैं। कार्नी ने यह भी कहा कि ट्रंप से शासन को कनाडा की जनरेशन के लिए सबसे बड़ा चैलेंज बताया है, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके कार्यकाल में दोनों देशों के बीच सामूहिक प्रयासों से संबंधों में सुधार हो सकेगा।
सीमा पार बिगड़े रिश्ते
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पद संभालने के बाद से कनाडा और अमेरिका के बीच रिश्ते बिगड़े हैं। खासकर, ट्रंप ने कनाडा से बार-बार यह कहा कि वह स्वतंत्रता त्याग कर 51वां अमेरिकी राज्य बन जाए। इस दौरान ट्रंप ने व्यापार युद्ध की शुरुआत करते हुए कनाडाई वस्तुओं पर टैरिफ लगाए, जिससे कनाडा को आर्थिक नुकसान हुआ।
कनाडा ने इन टैरिफ का विरोध करते हुए जवाबी कार्रवाई की, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। इसके अलावा, ट्रंप की धमकियों से कनाडाई जनता में असंतोष फैल गया है। इस समय, मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें इन रिश्तों को सुधारने की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

कार्नी के विदेश दौरे और गठबंधन की कोशिश
कार्नी ने कहा कि अगले सप्ताह वह पेरिस और लंदन जाएंगे, जहां कनाडा के अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को मजबूत करने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनका यह दौरा अमेरिकी रिश्तों में आई गिरावट के बीच व्यापार और सुरक्षा मुद्दों पर बातचीत को बढ़ावा देने का हिस्सा होगा।
कनाडा में चुनाव नजदीक
मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, कनाडा में जल्द ही चुनाव होने की संभावना है। जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लिबरल पार्टी ने कार्नी को अपने नेता के रूप में चुना है। हालांकि, कार्नी ने कभी भी सार्वजनिक पद पर कार्य नहीं किया है, और उनकी राजनीतिक अनुभव की कमी एक चुनौती बन सकती है।
कार्नी के राजनीतिक अनुभव के बारे में कहा जा रहा है कि वे 2008-2009 के वित्तीय संकट के दौरान बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर रहे हैं, और इसके बाद उन्होंने बैंक ऑफ इंग्लैंड का नेतृत्व भी किया था। इसके अलावा, वह गोल्डमैन सैक्स में निवेश बैंकर भी रह चुके हैं।