अयोध्या, उत्तर प्रदेश: अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा, जबकि मतगणना 8 फरवरी को संपन्न होगी। चुनाव आयोग ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपचुनाव की तारीखों का एलान किया। इसके साथ ही नामांकन प्रक्रिया 10 जनवरी से शुरू हो जाएगी। इस सीट पर हो रहे चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं।
मिल्कीपुर विधानसभा सीट, जो फैजाबाद संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है, पर उपचुनाव के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव भी समान तारीख पर आयोजित होंगे। इस ऐलान के बाद राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है।
सूबे की नजर मिल्कीपुर पर
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर पूरे उत्तर प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं। यह सीट न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भाजपा और सपा के बीच सीधी टक्कर के कारण प्रतिष्ठा का विषय भी बन गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट की जिम्मेदारी खुद संभालते हुए भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कवायद शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की सांगठनिक समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मिल्कीपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ सांगठनिक समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने मंडल, शक्ति केंद्रों और बूथ स्तर पर अधिकतम मत हासिल करने के लिए रणनीति तैयार करने पर जोर दिया। योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए चुनावी प्रतिस्पर्धा में विजय पाने का मंत्र भी दिया।
प्रमुख नेताओं की सक्रियता
मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने यहां कई बैठकों का आयोजन किया। इसके अलावा, स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, खेल मंत्री गिरीशचंद्र यादव, खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा और सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने भी क्षेत्र में विभिन्न समुदायों से संवाद स्थापित किया। इन बैठकों का उद्देश्य उपचुनाव में किसी भी प्रकार की रणनीतिक चूक से बचना और सुनिश्चित जीत पाना है।