केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान (सीएसआईआर-सीरी) में इंजीनियरिंग और विज्ञान विद्यार्थियों के लिए आयोजित महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘सेमिकंडक्टर हाई इम्पैक्ट लर्निंग प्रोग्राम (शिल्प)’ के 7वें सत्र का आज समापन हुआ। बैच में गुजरात के गणपत विश्वविद्यालय के एमटेक (वीएलएसआई) के 15 विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। सीएसआईआर द्वारा यह महत्वाकांक्षी प्रशिक्षण कार्यक्रम देश में सेमिकंडक्टर उद्योग के लिए कुशल जनशक्ति उपलब्ध कराने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए 2021 में आरंभ किया गया था।
इस अवसर पर मुख्य वैज्ञानिक एवं सेमिकंडक्टर सेंसर्स एवं माइक्रोसिस्टम्स ग्रुप प्रमुख डॉ. सुचंदन पाल, ने सेमिकंडक्टर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी विकसित देश के विकास में सेमिकंडक्टर टेक्नोलॉजी का बड़ा योगदान है और हमारे देश में इस क्षेत्र में बहुत संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए संस्थान का ‘शिल्प’ कार्यक्रम इस महत्वपूर्ण विषय के बारे में जानने व समझने का बेहतरीन अवसर है। डॉ. सुचंदन पाल ने प्रतिभागियों के समक्ष देश के सेमिकंडक्टर मिशन को रेखांकित करते हुए सीएसआईआर मिशन के बारे में भी जानकारी दी।
वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ कुलदीप सिंह ने सेमिकंडक्टर क्रांति की पृष्ठभूमि पर चर्चा करते हुए कहा कि अब हमें गैलियम नाइट्राइड क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है। इससे पूर्व सत्र का संचालन करते हुएत कनीकी अधिकारी रमाकांत शर्मा, ने उपस्थित अधिकारियों सहित सभी का स्वागत किया। अशोक चौहान, प्रमुख, शोध एवं विकास सुविधाएँ सहित सभी उपस्थित अधिकारियों ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण पूर्ण करने पर बधाई दी। डॉ सुचंदन पाल ने प्रशिक्षार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए।
मीडिया एवं जन संपर्क अधिकारी रमेश बौरा ने बताया कि देश को सेमिकंडक्टर क्षेत्र में कुशल जनशक्ति उपलब्ध कराने के दीर्घकालिक ध्येय की प्राप्ति के लिए संस्थान में निरंतर ‘शिल्प’ प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।