बदायूं, उत्तर प्रदेश: बदायूं जिले के इस्लामनगर थाने में तैनात महिला इंस्पेक्टर क्राइम सिमरनजीत कौर को मंगलवार को एंटी करप्शन टीम ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि उन्होंने एक रेप पीड़िता से मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट (एफआर) लगाने के लिए रिश्वत मांगी थी।
शिकायत और गिरफ्तारी की प्रक्रिया
मीडिया सूत्रों के अनुसार, एक रेप सर्वाइवर ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की थी, जिसके बाद महिला इंस्पेक्टर के खिलाफ एक्शन लिया गया। आरोप है कि इंस्पेक्टर सिमरनजीत कौर ने पहले भी एक लाख रुपये वसूल किए थे। एंटी करप्शन टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ट्रैप योजना बनाई और रिश्वत लेते समय उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पूर्व में भी रही हैं विवादों में
सिमरनजीत कौर का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन्हें नोएडा के निठारी कांड की विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में बर्खास्त किया गया था, तब वह सब-इंस्पेक्टर थीं। करीब 8 साल बाद कोर्ट के आदेश से उनकी बहाली हुई और प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर बन गईं। इसके बाद वे बरेली में तैनात रहीं और लोकसभा चुनाव से पहले बदायूं भेजी गईं।
मामले की विस्तृत जानकारी
सीओ एंटी करप्शन यशपाल सिंह ने बताया कि बदायूं थाना इस्लामनगर की इंस्पेक्टर क्राइम सिमरजीत कौर को एंटी करप्शन टीम ने ट्रैप किया है। जानकारी के मुताबिक, रेप के एक मामले में आरोपी की पत्नी ने रेप पीड़िता के खिलाफ रंगदारी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था। इस मामले की विवेचना सिमरनजीत कौर के पास थी। विवेचना में महिला के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले।
एफआर लगाने के लिए रिश्वत की मांग
सिमरनजीत कौर ने पीड़िता से मुदकमे में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाने के लिए रुपये की मांग की थी। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने पहले भी पीड़िता से एक लाख रुपये ले लिए थे और फिर से एक लाख रुपये की मांग कर रही थीं। परेशान होकर पीड़िता ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत कर दी। योजना बनाकर महिला इंस्पेक्टर को रंगे हाथ पकड़ा गया। इस मामले में बिनावर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
इन बिंदुओं पर भी गौर करें:
- आरोपी इंस्पेक्टर पहले भी बर्खास्त हो चुकी हैं।
- पीड़िता पहले ही एक लाख रुपये रिश्वत दे चुकी थी।
- एंटी करप्शन टीम ने महिला इंस्पेक्टर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।