नई दिल्ली: दिल्ली की हवा इन दिनों जानलेवा हो चुकी है। राजधानी की वायु गुणवत्ता (Air Quality) लगातार गिरावट की ओर है, और आने वाले दिनों में हालात और खराब होने की आशंका है। मंगलवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने बताया कि दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 318 तक पहुंच गया है, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। यह स्थिति दिवाली से पहले की है, जब आमतौर पर प्रदूषण अपने चरम पर पहुंचता है। पराली जलाने की घटनाएं भी अभी सीमित हैं, फिर भी दिल्ली की हवा में जहर घुल चुका है। सर्दियों की शुरुआत से पहले यह हालत दिल्लीवासियों के लिए बेहद चिंताजनक है।
आनंद विहार सहित 16 इलाकों में रेड जोन घोषित
प्रदूषण की स्थिति खासतौर पर दिल्ली के आनंद विहार इलाके में भयावह है। यहां AQI 377 रिकॉर्ड किया गया, जो इसे राजधानी के सबसे प्रदूषित इलाकों में से एक बनाता है। वजीरपुर, रोहिणी और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में भी स्थिति गंभीर है, जहां AQI रेड जोन में है। दिल्ली सरकार ने इन इलाकों को हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया है और विशेष निगरानी की जा रही है।
समीर एप (CPCB का आधिकारिक ऐप) के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को कई इलाकों में AQI 320 से ऊपर था:
- अलीपुर: 320
- आनंद विहार: 377
- अशोक विहार: 343
- बवाना: 348
- जहांगीरपुरी: 355
- मुंडका: 360
- पंजाबी बाग: 356
- वजीरपुर: 351
बदलता मौसम और बढ़ती बीमारियां
दिल्ली के लोग न केवल प्रदूषण से बल्कि बदलते मौसम से भी जूझ रहे हैं। सुबह और शाम को हल्की सर्दी महसूस की जा रही है, लेकिन दिन में गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। इसके कारण मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, जुकाम, और बुखार के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। कई लोग इन समस्याओं के चलते अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जबकि न्यूनतम तापमान 19-20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।
GRAP-2 लागू, पाबंदियां शुरू
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली में ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (GRAP) का स्टेज 2 लागू कर दिया गया है। इसके तहत कई पाबंदियां लगाई गई हैं, जिनमें निजी वाहनों की संख्या कम करने के उद्देश्य से पार्किंग फीस में वृद्धि, सड़कों की नियमित सफाई और पानी का छिड़काव शामिल है। निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के सख्त उपाय लागू किए जाएंगे, और शहर में जेनरेटर सेट के उपयोग पर भी रोक रहेगी। CPCB का अनुमान है कि अगले दो दिनों तक वायु गुणवत्ता में सुधार की संभावना कम है, जिससे दिल्लीवासियों की समस्याएं और बढ़ सकती हैं।