नई दिल्ली | दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो चुकी है। सभी राजनीतिक दल प्रचार में पूरी ताकत झोंक चुके हैं। लेकिन इसी बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के दो नेताओं की एक गुप्त बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर तहलका मचा रहा है। वायरल क्लिप में पार्टी के एक नेता को अपने सहयोगी से कहते सुना गया— “जय श्री राम मत बोलना!”
कैमरे में कैद हुई ‘गुप्त वार्ता’
यह वीडियो एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रिकॉर्ड हुआ, जहां संजय सिंह के साथ मंच पर बैठे दो AAP नेताओं के बीच यह चर्चा होती है। वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि एक नेता दूसरे को फुसफुसाकर सावधान करता है— “वो जय श्री राम बोलते हैं, तुम मत बोलना!”
यहां ‘वो’ का संदर्भ भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जोड़ा जा रहा है, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि AAP हिंदू नारों से बचने की रणनीति अपना रही है।
सोशल मीडिया पर गुस्से का तूफान
वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।
- भाजपा समर्थकों ने इस घटना को AAP की “हिंदू विरोधी मानसिकता” करार दिया।
- कई लोगों ने सवाल उठाया कि अगर पार्टी को हिंदू नारों से परहेज है, तो वो हिंदू मतदाताओं से वोट मांगने क्यों जाती है?
- कुछ यूजर्स ने दावा किया कि यह घटना AAP की गुप्त विचारधारा का पर्दाफाश करती है।
चुनाव की उलटी गिनती और बढ़ता विवाद
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान 5 फरवरी को होगा और नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। ऐसे में यह वीडियो AAP के लिए नया संकट खड़ा कर सकता है।
2015 और 2020 के चुनावी आंकड़े:
- 2020 में AAP ने 62 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा सिर्फ 8 सीटों पर सिमट गई।
- कांग्रेस लगातार दूसरी बार खाता भी नहीं खोल पाई।
- AAP का वोट शेयर 53.57% रहा।
क्या बदलेगी चुनावी गणित?
इस विवाद का असर हिंदू मतदाताओं पर पड़ेगा या नहीं, यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे। लेकिन इतना तय है कि “जय श्री राम मत बोलना” जैसी गुप्त चर्चाएं अब चुनावी बहस के केंद्र में आ चुकी हैं।
क्या यह वीडियो AAP के लिए भारी पड़ेगा, या पार्टी इस विवाद से बाहर निकलने में सफल होगी?