अफ्रीका: रविवार की सुबह अफ्रीकी देश बुर्किना फासो के उत्तरी क्षेत्र में स्थित रणनीतिक शहर जिबो में हुए एक सुनियोजित और क्रूर आतंकी हमले ने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। इस हमले में 100 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें सेना के जवान, कुछ स्थानीय नागरिक और एक सहायता कर्मी (Aid Worker) शामिल हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों और सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, हमला सुबह करीब 6 बजे एक साथ कई स्थानों पर किया गया। हमलावरों ने पहले शहर की सभी एंट्री पॉइंट्स पर कब्जा कर लिया और फिर विशेष आतंकवाद विरोधी इकाई (anti-terrorist camp) पर हमला बोल दिया।
JNIM ने ली हमले की जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी अल-कायदा से संबद्ध जमात नस्र अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन (JNIM) ने ली है, जो कि साहेल क्षेत्र में सक्रिय सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों में से एक माना जाता है।

सौफान सेंटर के वरिष्ठ विश्लेषक वसीम नस्र ने कहा,
“यह हमला स्पष्ट संकेत है कि JNIM अब बुर्किना फासो के किसी भी हिस्से में निर्बाध रूप से घुसकर हमला कर सकता है। इससे सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी उजागर होती है।”
सेना के साथ घंटों तक चली मुठभेड़, फिर भी नहीं टाल सका संकट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुर्किना फासो की सेना ने मजबूत प्रतिरोध देने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों की संख्या और तैयारी ज्यादा थी।
वहां कार्यरत एक ऐड वर्कर चार्ली वेर्ब के अनुसार,
“हमलावरों ने इतनी तेजी से शहर को चारों ओर से घेर लिया कि सेना की वायु इकाई को रिएक्ट करने का मौका ही नहीं मिला।”

सैन्य जुंटा की रणनीति पर सवाल, जनता में असंतोष
देश में वर्तमान में जनरल इब्राहिम ट्राओरे के नेतृत्व में एक सैन्य सरकार (जुंटा) कार्यरत है, जो 2022 के तख्तापलट के बाद सत्ता में आई थी। लेकिन अब सुरक्षा हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि देश का लगभग 50% क्षेत्र सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुका है।
यह स्थिति सैन्य शासन की रणनीतियों की विफलता की ओर इशारा करती है। जनता के बीच विश्वास की कमी और आतंकवाद के लगातार बढ़ते खतरे ने सरकार की वCredibility पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।