संभल, उत्तर प्रदेश: जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए बवाल के बाद संभल में शुक्रवार का दिन प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। एक तरफ जुमे की नमाज है, तो दूसरी ओर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट में मामले की सुनवाई। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने चंदौसी और संभल में कड़े प्रबंध किए हैं।
ड्रोन से निगरानी, 300 प्वाइंट पर फोर्स की तैनाती
संभल में ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। शहर को चार सुपर जोन और 55 सेक्टर में विभाजित किया गया है, जहां लगभग 300 प्वाइंट्स पर फोर्स तैनात की गई है। जामा मस्जिद और अन्य संवेदनशील इलाकों में तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है।
- तैनाती का विवरण
- नौ कंपनियां पीएसी और आरएएफ की तैनाती
- छह अपर पुलिस अधीक्षक और 12 से अधिक सीओ शामिल
- 50 से अधिक निरीक्षक और 70 मजिस्ट्रेट तैनात
- हर प्वाइंट पर पुलिस बल मुस्तैद
बवाल की पृष्ठभूमि
19 नवंबर को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट में हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए जामा मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया गया था। एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने उसी दिन वीडियोग्राफी कराई। 24 नवंबर को दूसरे चरण की वीडियोग्राफी के दौरान बवाल हुआ, जिसमें पथराव और फायरिंग से चार लोगों की मृत्यु हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
कोर्ट परिसर में सुरक्षा कड़ी
कोर्ट परिसर में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वहां पीएसी और आरएएफ के साथ-साथ स्थानीय पुलिस बलों को तैनात किया गया है। हर व्यक्ति की गतिविधि पर सख्त नजर रखी जा रही है।
धर्मगुरुओं ने की शांति की अपील
बवाल के बाद शहर में धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य हो रहा है। व्यापारिक गतिविधियां बहाल हो रही हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के खरीदारों की संख्या अभी कम है। इस बीच, धर्मगुरुओं ने अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की है।
शहर इमाम आफताब हुसैन वारसी ने कहा, “जुमे की नमाज अपने क्षेत्र की मस्जिदों में अदा करें। शांति व्यवस्था बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें। अल्लाह से मुल्क और शहर के लिए दुआ करें।”
व्यापक सुरक्षा प्रबंध
- सभी संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस की कड़ी निगरानी।
- त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) तैनात।
- प्रत्येक अधिकारी और मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्रों में गश्त कर रहे हैं।